मुजफ्फरनगर। जानसठ कोतवाली क्षेत्र से अनुसूचित जाति की दो नाबालिग बहनों के अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में आरोपी को अदालत द्वारा जमानत दे की गई है। अदालत में बचाव पक्ष ने बताया कि पीड़िता ने अपने बयानों में दुष्कर्म की बात को खारिज किया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के पीठासीन अधिकारी बाबूराम ने जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकृत कर लिया है।

इसी साल 20 जुलाई को दोनों बहनें संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी। पीड़ित पक्ष ने दो युवकों के खिलाफ दुष्कर्म और अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। किशोरियां सकुशल बरामद हो गई थीं। पुलिस ने आरोपी सुदेश को 27 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बचाव पक्ष की ओर से अदालत में सुदेश की जमानत के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। तर्क दिया गया कि पीड़िता नाबालिग नहीं, बल्कि बालिग हैं। धारा 164 के बयान का भी हवाला दिया गया।

पीड़िता ने बयान में कहा था कि वह स्कूल के बहाने घूमने के लिए मुजफ्फरनगर चली गई थीं। घर पहुंचने में लेट हो गईं तो परिजनों ने दो युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। उनके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के पीठासीन अधिकारी बाबूराम ने दोनों पक्षों के तर्क सुनकर आरोपी सुदेश के एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें स्वीकृत कर ली हैं।