मुजफ्फरनगर। जनपद के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर में स्थित स्कूल में पिटाई के शिकार छात्र के एडमिशन को लेकर अब बडा पेंच फंस गया है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले में यूपी सरकार को कडी फटकार लगाई थी।
मुजफ्फरनगर में थप्पड़ प्रकरण के पीड़ित छात्र के शारदेन स्कूल में प्रवेश का मामला उलझता दिख रहा है। स्कूल ने बच्चे का वैक्सीनेशन कार्ड और टीसी मांगी है। दोनों ही प्रमाण पत्र पीड़ित के पास नहीं है। बीएसए शुभम शुक्ला पीड़ित छात्र के पिता को लेकर स्कूल पहुंचे, लेकिन प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। कक्षा दो में प्रवेश दिलाए जाने की तैयारी चल रही थी।
पीड़ित छात्र के पिता शुक्रवार को फिर स्कूल पहुंचे। उन्होंने बताया कि स्कूल की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। बार-बार उनसे अलग-अलग कागज मांगे जा रहे हैं। बीएसए और स्कूल प्रबंधन ने अलग से बात की है, उनके सामने बात नहीं हुई। लेकिन अभी तक प्रवेश नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि पीड़ित छात्र के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। अगले माह 11 दिसंबर को सुनवाई की तिथि तय है। दीपावली से पहले सुनवाई के दौरान छात्र का प्रवेश नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा विभाग को फटकार लगाई थी।
पीड़ित छात्र की शिक्षा पर अभी भी संकट है। स्कूल की फीस को अगर निशुल्क कर दिया जाए तो फिर परिवहन व्यवस्था नई मुसीबत खड़ी करेगी। स्कूल से गांव की दूरी करीब 25 किमी है।
यही नहीं सीधी कोई बस या परिवहन सेवा नहीं है। ऐसे में सवाल है कि आखिर बच्चा रोजाना शारदेन स्कूल तक कैसे पहुंचेंगा। उसके परिवहन का इंतजाम कौन करेगा और सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी।
खुब्बापुर गांव के स्कूल में शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने पांच का पहाड़ा नहीं सुनाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की सहपाठियों से पिटाई करा दी थी। इसी दौरान जातीय टिप्पणी का भी आरोप है। प्रकरण के दौरान पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना लिया। वीडियो के वायरल होते ही प्रतिक्रियाएं आने लगीं और शिक्षिका की गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी।
आरोपी शिक्षिका पर अब एफआईआर दर्ज हो गई है। खुब्बापुर गांव के पीड़ित छात्र का अभी तक किसी स्कूल में प्रवेश नहीं हो सका है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसका सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।