मुजफ्फरनगर। जिले में मामूली बातों पर लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे में जिले में हत्या की तीन ऐसी वारदात हुई है, जिनमें कोई बड़ी वजह हो। मामूली कहासुनी में तीन लोगों को जान ले ली गई।

फुगाना गांव में मंगलवार सुबह हुई दुकानदार परवेंद्र की हत्या के पीछे कोई बड़ा विवाद नहीं था। परवेंद्र ने हत्यारोपी आदित्य उर्फ भूरा को बालों को लेकर टोका-टोकी कर दी थी और उसे बाल छोटे कराने की सलाह दी थी। इसी पर हुई कहासुनी मारपीट में बदल गई। परवेंद्र ने उसे उसे लाठियों से पीटा। आदित्य पुलिस के पास नहीं गया और खुद बदला लेने की बात करने लगा। हत्या करने के बाद उसने कहा भी कि उसे पांच लाठी मारी थी, उसने पांच गोली मारीं। इससे पहले ढिंढावली गांव में दिव्यांग राजेंद्र के सिर में डंडा मारकर हत्या कर दी गई। मृतक और आरोपी के बीच कहासुनी हुई थी। आरोपी ने दिव्यांग का डंडा छीनकर उसके सिर पर मार दिया, जिससे उसकी जान चली गई। पुलिस का दावा है कि मंगलवार रात हुई कक्षा नौ के छात्र राज मिश्रा की हत्या के पीछे भी मामूली कहासुनी और गालीगलौज का विवाद वजह है। राज मिश्रा तो उस बात को भूल भी गया था लेकिन आरोपी नहीं भूले, उससे मेल मिलाप जारी रखा और तीन बाद हत्या कर दी। एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि तीनों वारदात में पुलिस ने कार्रवाई की है। मुकदमें दर्ज कर लिए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है। झगड़े मामूली कहासुनी से शुरू हुए थे।

कक्षा नौ के छात्र राज मिश्रा की दोस्तों ने हत्या कर दी। दोस्ती भी बेमेल थी। राज मिश्रा की उम्र 16 साल और हत्यारोपी उससे तीन से चार साल बढ़े हैं। इनमें भी एक आपराधिक प्रवृत्ति का था। मामूली बातों को दिल से लगाया जा रहा है। समाजशास्त्री कलम सिंह का मानना है कि सामाजिक परिवेश में बदलाव से अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद कम हुआ है। हार-जीत के बीच नई पीढ़ी समन्वय नहीं कर पा रही है। सही-गलत के बजाय निजी अहम तो तव्वजों दी जा रही है। ऐसे माहौल में अक्सर घटनाएं हो जाती है।
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