बागपत। ग्राम पंचायत सचिवों और ग्राम विकास अधिकारियों ने कहा कि गोवंशों के भरण पोषण का खर्चा एक महीने बाद मिलता है, जबकि किसान से हरा चारा खरीदने पर नकद भुगतान करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अस्थायी गोशालाओं में क्षमता से अधिक पशु रखवाए गए हैं, जिस कारण गोशाला के सभी गोवंश टीनशेड और तिरपाल के अंदर नहीं जा पाते। साथ ही 30 गोवंशों पर एक केयर टेकर रखवाने पर भी समस्या को उठाया।
उन्होंने कहा कि छोटी ग्राम पंचायतों में बड़ी गोशाला है, जिनका ज्यादातर बजट तो केयर टेकर के मानदेय में खर्च हो जाएगा। ऐसे में अन्य कार्य नहीं कराये जा सकेंगे। साथ ही गोशाला के रिकार्ड रजिस्टर का प्रारूप देने की मांग की। सीडीओ ने समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया। इस मौके पर प्रमोद शर्मा, जोनी चौधरी, प्रिंस जैन, विकास राठी, कृष्ण तोमर, मनीष, हिमांशु राठी, विरेंद्रपाल समेत अन्य मौजूद रहे।