मुज़फ्फरनगर।  हनी ट्रैप में फंसाकर लोगों से अवैध वसूली करने वाले गिरोह को शहर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह महिला के द्वारा सीधे साधे लोगों को अपने जाल में फंसाता था। उसके बाद अवैध वसूली का कार्य किया जाता था। पुलिस ने महिला व उसके पति समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक झोलाछाप डाक्टर भी शामिल है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से साढे 9 हजार रुपए, एक बाइक, पांच मोबाइल व स्वीफ्ट कार बरामद की है।

शहर कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह चौहान ने बताया कि शाहबुद्दीनपुर रोड निवासी एक राजमिस्त्री ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि तीन दिन पूर्व उसे एक अंजान महिला ने मोबाइल पर कॉल की। महिला ने उससे फोन पर बात करते हुए अपने प्रेमजाल में फंसाने के लिए बाते की। उसके बाद महिला ने उससे मोबाइल पर वीडियो कॉल करते हुए अश्लीलता दिखाई, जिससे वह महिला के झांसे में आ गया।
आरोपी महिला ने 21 जनवरी को उसे मिमलाना रोड पर स्थित एक फार्म हाउस के पास खंडहरनुमा बिल्डिंग में मिलने के लिए बुलाया। जब महिला व पीडित आपत्तिजनक अवस्था में थे। तभी महिला का पति व अन्य तीन लोग वहां पहुंच गए। आरोपियों ने उसकी वीडियो बनाने के बाद ब्लैकमेल कर दस लाख रुपए की मांग की। विरोध करने पर आरोपियों ने पीडित को कार में डालकर चरथावल की तरफ ले गए और डेढ घंटे तक उसे ब्लैकमेल करते हुए कार में घुमाते रहे। तीस हजार रुपए में समझौता होने पर आरोपियों ने पीडित की जेब से साढे 9 हजार रुपए निकाल लिए और गांरटी के तौर पर उसकी बाइक अपने पास रख ली।
शहर कोतवाली प्रभारी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया गया। रविवार शाम जब आरोपी पीडित से रुपए लेने आए तो पुलिस ने आरोपी बिलाल निवासी कुलहेडी थाना चरथावल, शाहरुख निवासी मोहल्ला बंबा चौक जललाबाद जिला शामली, शाहबाज निवासी गांव मिमलाना, जावेद निवासी मिमलाना रोड, आबिद निवासी मिमलाना गांव और महिला शाहना पत्नी जावेद को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार, पीड़ित की बाइक, साढे 9 हजार रुपए और पांच मोबाइल बरामद किए है।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि आरोपी आबिद अपने साथी बिलाल को मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराता था और शाहना दूसरे के नाम पर लिए सिम से मोबाइल पर बात कर लोगों को अपने प्रेम जाल में फंसाती थी। इससे उसकी मदद उसका पति भी करता था। आरोपी शाहरुख ने मिमलाना रोड पर एक क्लीनिक चलाता है, लेकिन उसके पास कोई डाक्टरी डिग्री नही है। यह गैंग लोगों को फंसाकर उनसे अवैध वसूली का अवैध कार्य करता है। पुलिस ने सभी आरोपियों का चालान कर दिया है।