मुजफ्फरनगर। परिषदीय विद्यार्थियों के अभिभावकों के बैंक खातों में पहुंचने वाले ड्रेस के रुपए में विभाग की लापरवाही झलक रही है। कड़क ठंड पड़ने के बाद भी अभी तक लगभग 35 हजार छात्र-छात्राएं ठिठुर रहे हैं। रुपया नहीं मिलने से इनके पास जर्सी से लेकर जूते और मौजे तक नहीं है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं स्कूल खुलने पर ठंड के बीच पढ़ाई करने को मजबूर होंगे।
समय पर धनराशि नहीं मिलने से विद्यार्थी मौसम की मार झेल रहे हैं। जनपद में कुल 15 लाख 37 हजार 31 छात्र-छात्राएं है, जिसमें 11 लाख 86 हजार 28 छात्र-छात्राओं को ही अभी तक वर्ष 2023-24 में योजना का लाभ मिला है, जबकि 35,103 छात्र-छात्राएं अभी डीबीटी योजना की धनराशि से वंचित है, जिसके चलते वह यूनिफार्म, जूते-मोजे से लेकर जर्सी तक नहीं खरीद पाए हैं। यह स्थिति इन छात्र-छात्राओं को कड़ाके की ठंड का सामना भी करा रही हैं। विद्यालयों के शिक्षकों का कहना है कि जिन बच्चों के बैंक खातों में पैसा नही आया। उनमें से बहुत कम ही विद्यालय पहुंचते है। हल्की धूप निकलने पर स्कूल में बच्चों की जूतों के साथ जर्सी की अधिक जरूरत है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ता है।