गोरखपुर में मनीष गुप्ता हत्याकांड में चश्मदीद गवाह मनीष के दोस्त गुरुग्राम के हरबीर सिंह और प्रदीप सिंह एसआईटी की जांच से बच रहे हैं। एसआईटी के कई बार बुलाने के बाद भी वह अपना बयान दर्ज कराने गोरखपुर नहीं आए। कोई न कोई बहाना बनाकर आने से बच रहे हैं। वहीं, एसआईटी की आधी टीम कानपुर जा चुकी है। वर्तमान में एसआईटी के एक इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल ही मौजूद हैं।
जानकारी के मुताबिक, मनीष गुप्ता की मौत की जांच कानपुर एसआईटी कर रही है। साक्ष्य जुटाने के साथ ही इस केस से जुड़े सभी लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं। केवल हरबीर सिंह और प्रदीप का बयान बाकी है। इन लोगों ने कानपुर में बयान दर्ज कराया है, लेकिन एसआईटी उन्हें गोरखपुर बुलाकर होटल के कमरा नंबर 512 का सीन रिक्रिएट कराना चाहती है।
एसआईटी ने कई बार मनीष के दोस्तों को बुलाया, लेकिन वे डर या अन्य किसी बात का हवाला देकर आने से बच रहे हैं। सोमवार को भी उन्हें गोरखपुर आना था, लेकिन करवाचौथ का हवाला देकर समय मांग लिया। इससे पहले दोनों ने नवरात्र का हवाला देकर मोहलत मांगी थी। अब तो एसआईटी भी मानकर चल रही है कि दोनों दोस्त इस मामले से पीछे हट रहे हैं।