खाद के लिए मची मारामारी के बीच ललितपुर में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों ने आरोप लगाया कि खाद न मिलने की वजह से वो हताश था, जिससे उसने ये आत्मघाती कदम उठा लिया। जबकि, प्रशासन ने परिजनों के इस आरोप को नकार दिया। वहीं, खाद के लिए तीन दिन से कतार में लग रहे एक किसान की बीते दिन हालत बिगड़ गई थी और आज उसकी मौत हो गई। इन दोनों घटनाओं से किसानों में खासा रोष है।
थाना कोतवाली इलाके के मैलवाराखुर्द निवासी किसान सोनी अहिरवार (40) की लाश सोमवार की देर रात उसके खेत पर लगे पेड़ पर झूलती हुई मिली थी। इससे परिजनों में कोहराम मच गया था। मंगलवार को मृतक के बहनोई ने आरोप लगाया कि सोनी खाद लेने के लिए तीन दिन से लगातार मुख्यालय जा रहा था, लेकिन उसे खाद मिल नहीं पा रही थी। इससे वो बुरी तरह से हताश था।
इसी मानसिक तनाव में वो सोमवार की शाम गांव लौटकर सीधे खेत पर चला गया और फांसी लगाकर जान दे दी। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। रात में जब खेत पर जाकर देखा तो उसका शव पेड़ से लटका हुआ मिला। उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी काफी समय पहले कैंसर से मौत हो चुकी है।
उधर, थाना नाराहट के ग्राम बनयाना निवासी महेश कुमार बुनकर (36) मुख्यालय आकर गल्ला मंडी के पास स्थित खाद की दुकान पर लाइन में लगा था, सोमवार को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे उसकी हालत बिगड़ गई और वह चक्कर खाकर गिर गया। उसका चचेरा भाई ज्ञानचंद उसे लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां उपचार के एक घंटे बाद चिकित्सकों ने उसकी हालत में सुधार होने पर उसे वापस घर भेज दिया।
लेकिन, मंगलवार की दोपहर फिर से उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। जानकारी लगने कोतवाली व प्रशासन के अधिकारियों जिला अस्पताल पहुंच गए और परिजनों से घटना की जानकारी जुटाई।
ग्राम मैलवाराखुर्द में किसान ने खाद से परेशान होकर फांसी नहीं लगाई है। अन्य कारण सामने आए हैं, जिनकी जांच कराई जाएगी।