बागपत। गन्ना क्षेत्र के नाम से मशहूर बागपत के किसानों ने दूसरी खेती की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। जिसमें गन्ना की जगह गुलाब की खेती से किसानों की किस्मत भी महकने लगी है। जो गुलाब के फूल दिल्ली मंडी में बेचकर कमाई कर रहे है। तिलवाड़ा गांव के रहने वाले आईटी इंजीनियर नीरज गाजियाबाद जिले में नौकरी करते है। जिन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन में गन्ने समेत अन्य फसलों की खेती शुरू की, लेकिन मलकपुर मिल से गन्ना भुगतान देरी से होने और कमाई कम होने पर गन्ना खेती छोड़ दी।

जिसके बाद जमीन को ठेके पर दे दिया। बताया कि कुछ नया करने के लिए उन्होंने जिला उद्यान विभाग से संचालित बागवानी योजना में आवेदन किया। जिसमें चयन होने पर 45 लाख रुपये बजट खर्च कर संरक्षित खेती के लिए मैट प्लांट तैयार कराया। जिसमें जिला उद्यान विभाग से 50 फीसदी सब्सिडी मिली। आईटी इंजीनियर और किसान नीरज ने बताया कि जून 2023 में पौध लगाने के बाद नवंबर माह में गुलाब की पैदावार शुरू हुई। जिससे चार महीने में ढाई लाख रुपये में 35 हजार से अधिक फूल बेच चुके है। जबकि आने वाले समय में पैदावार बढ़ने पर आमदनी भी बढ़़ेगी।

गुलाब की संरक्षित खेती में नौ महीने तक फूलों की पैदावार होगी। किसान नीरज ने बताया कि हर बार गुलाब के फूलों की पैदावार बढ़ेगी। जिसे चार लाख फूलों की पैदावार पर रोकना होता है। इसके अलावा सालभर में बरसात के तीन महीने ही पैदावार और सप्लाई बाधित रहेगी।