मेरठ।  मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों के दावेदारों में टिकट को लेकर खींचतान मची है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मेरठ-हापुड़ लोकसभा से प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। वहीं, सपा-कांग्रेस गठबंधन ने टिकट तो जारी कर दिया है, लेकिन अभी इसे लेकर रस्साकशी जारी है। दावेदार लखनऊ में डारे डाले हुए हैं। टिकट में बदलाव का दावा कर रहे हैं, जबकि घोषित किए प्रत्याशी का कहना है कि वह मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। दूसरी तरफ, भाजपा अभी मौन है। साफ नहीं है कि उनका प्रत्याशी कौन होगा।

मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर 2009, 2014 और 2019 के चुनाव पर नजर डालें तो इस सीट पर भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस ने मजबूती से चुनाव लड़ा है। 2009 में रालोद भाजपा के साथ था, तो 2014 में कांग्रेस के साथ। रालोद इस बार फिर भाजपा के साथ है, जबकि सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। बसपा ने देवव्रत त्यागी को प्रत्याशी बनाया है। पहले बसपा के मुस्लिम कार्ड खेलने की बात कही जा रही थी। सपा-कांग्रेस गठबंधन में सपा का प्रत्याशी यहां से चुनाव लड़ेगा।

सपा ने मेरठ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया और बिजनौर से यशवीर सिंह को। दोनों लोकसभा में टिकटों को बदलने के लिए जोर आजमाइश चल रही है। बिजनौर से किठौर विधायक शाहिद मंजूर और मेरठ से सरधना विधायक अतुल प्रधान या फिर हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा टिकट के प्रमुख दावेदार हैं।

भाजपा के प्रत्याशी पर सबकी नजरें हैं, लेकिन अभी उन्होंने पत्ते नहीं खोले हैं। भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, दलित और पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है। अब तक भाजपा ने जो प्रत्याशी घोषित किए गए हैं उनमें मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान जाट, कैराना और अमरोहा से गुर्जर और गौतमबुद्धनगर से महेश शर्मा को टिकट देकर भाजपा ने तीनों समाज का कोटा पूरा कर दिया है। दलित और पिछड़ा वर्ग का कोटा भी पूरा हो गया है। अब क्षत्रिय समाज और वैश्य समाज के उम्मीदवारों पर निर्णय होना है।

गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह को दोबारा टिकट मिलेगा या किसी अन्य प्रत्याशी को उतारा जाएगा, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। मेरठ में भी यही स्थिति है। तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल को टिकट मिलेगा या किसी दूसरे प्रत्याशी पर दांव खेला जाएगा, ये अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। पश्चिम उत्तर प्रदेश की 14 में से 8 सीटों के प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। बागपत और बिजनौर लोकसभा सीट रालोद के खाते में जा चुकी है। मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर और मुरादाबाद के प्रत्याशियों पर सबकी नजरें लगी हैं।

इस बीच सोशल मीडिया पर रविवार को बिजनौर और मेरठ सीट की फर्जी टिकट सूची वायरल हो गई। इसमें बिजनौर से कादिर राणा और मेरठ से अतुल प्रधान का टिकट बताया गया। बाद में जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी को सोशल मीडिया पर ऑडियो मेसेज जारी करना पड़ा कि यह फर्जी है।