बिजनौर। यूपी के बिजनौर से निवर्तमान बसपा सांसद मलूक नागर ने मायावती का साथ छोड़ दिया है। अब वह राष्ट्रीय लोकदल का हिस्सा हो गए हैं। गुरुवार को बसपा छोड़ने के तुरंत बाद उन्हें जयंत चौधरी ने हाथ पर हरा धागा बांधकर रालोद जॉइन कराया। नागर के रालोद में शामिल होने से माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को अच्छा खासा फायदा होगा। मलूक नागर की बिजनौर और उसके आसपास के इलाके में काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। मलूक नागर की गिनती यूपी के सबसे अमीर सांसदों में भी होती है। वह बड़े कारोबारी हैं।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, मलूक नागर की कुल संपत्ति करीब 250 करोड़ रुपये है। उनके पास 115 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है। इसमें प्रॉपर्टी और कृषि की जमीन आती है। मलूक पर बैंकों का काफी कर्ज भी है। उन पर बैंकों का 101.61 करोड़ रुपये बकाया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मलूक नागर और उनके भाई के खिलाफ 54 करोड़ रुपये की वसूली का भी नोटिस जारी किया था। इसके बाद उनके कुछ ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की रेड भी हुई थी।
दूसरी ओर, मालूक नागर के रालोद में शामिल होने के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि आज एक जमीनी नेता पार्टी में शामिल हो रहा है। वे पहले भी लोक दल के अध्यक्ष रहे हैं। उनके साथ लखीराम नागर और सुधा नागर भी आरएलडी में शामिल हो रहे हैं। बता दें कि बीएसपी ने इस बार बिजनौर सीट से सांसद मलूक नागर का टिकट काट दिया था। उनकी जगह मायावती ने चौधरी विजेंद्र सिंह को बीएसपी का उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मलूक नागर के बीएसपी छोड़ने की खबर सामने आई थी। लेकिन बिजनौर से टिकट कटने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।