बागपत।  उत्तर प्रदेश की बागपत लोकसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला माना जा रहा है और ऐसे में रालोद व सपा प्रत्याशी की हार-जीत अब छपरौली व मोदीनगर से तय होगा। क्योंकि छपरौली विधानसभा क्षेत्र चौधरी परिवार का गढ़ होने के कारण यहां पहले रालोद को बड़ी बढ़त मिलती रही है तो मोदीनगर में भाजपा का बड़ा वोट बैंक है। दोनों जगह से हमेशा की तरह वोट मिला तो रालोद की जीत तय होगी और यहां कमजोर रहने पर सपा को फायदा होगा।

बागपत लोकसभा सीट के सभी विधानसभा क्षेत्रों का मिजाज अलग-अलग है। इनमें शामिल छपरौली को चौधरी परिवार का गढ़ कहा जाता है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में वर्ष 1937 से लगातार वहां चौधरी परिवार या उनकी पार्टी का कब्जा है। लोकसभा चुनाव में भी चौधरी परिवार को वहां से अधिकतर 30 हजार से ज्यादा बढ़त मिलती रही है। हालांकि, पिछले दो लोकसभा चुनाव से स्थिति कुछ कमजोर हुई। मगर इस बार रालोद के साथ भाजपा होने के कारण माना जा रहा है कि छपरौली से रालोद को बड़ी बढ़त मिलेगी।

मोदीनगर विधानसभा सीट पर वर्ष 2014 के चुनाव में करीब 68 हजार वोटों की बढ़त भाजपा को मिली थी तो वर्ष 2019 में करीब 37 हजार वोटों की बढ़त मिली। अगर इस सीट पर भी भाजपा का कोर वोटर रालोद को मिला होगा तो बढ़त बड़ी रह सकती है। मगर इस सीट पर ब्राह्मण वोटर काफी हैं। इसको देखते हुए ही सपा ने ब्राह्मण कार्ड खेला था और वह सेंधमारी में काफी कामयाब भी रहे।

इसलिए ही हर किसी की नजर इन दोनों विधानसभाओं पर ज्यादा टिकी रहेगी। क्योंकि इन दोनों जगह से रालोद बड़ी बढ़त बनाने में कामयाब रहा तो अन्य तीनों विधानसभा बागपत, बड़ौत, सिवालखास पर सपा इतनी बढ़त नहीं ले सकेगी कि छपरौली व मोदीनगर की बढ़त को खत्म कर सके। मगर बढ़त कम रही तो रालोद के लिए परेशानी हो सकती है।

रालोद-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी डॉ. राजकुमार सांगवान ने कहा कि वह जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। जनता ने नरेंद्र मोदी व चौधरी जयंत सिंह पर विश्वास जताया है और वोट के रूप में मुझे आशीर्वाद दिया है, उससे जीत पक्की है। देश में दोबारा से भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी।

सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी अमरपाल शर्मा ने कहा कि इस बार सरकार से परेशान होकर हर वर्ग के लोगों ने वोट दिया है और उससे ही जीत पक्की है। अब मतगणना में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो। मतगणना सही होगी तो बागपत से सपा की जीत तय है।