मुजफ्फरनगर। याचिका पर सुनवाई से पहले हाईकोर्ट ने सीबीआई से भी जवाब मांगा है। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने बताया कि हाईकोर्ट में मजबूती पैरवी की जाएगी। चर्चित रामपुर तिराहा कांड में सामूहिक दुष्कर्म, लूट, छेड़छाड़ और साजिश रचने के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे दोनों दोषियों ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की। हाईकोर्ट ने सीबीआई से आख्या तलब की है।
18 मार्च को दोनों दोषियों पीएसी के सिपाही मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से ही दोनों जिला जेल में बंद है। उन्हाेंने हाईकोर्ट मेंं जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने दोनों के मुकदमे की फाइल तलब की है। याचिका पर सुनवाई से पहले हाईकोर्ट ने सीबीआई से भी जवाब मांगा है। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने बताया कि हाईकोर्ट में मजबूती पैरवी की जाएगी।
एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। अदालत में प्रकरण की सुनवाई चल रही है। पीएसी गाजियाबाद में सिपाही मिलाप सिंह मूल रूप एटा के निधौली कलां थाना क्षेत्र के होर्ची गांव का रहने वाला है। दूसरा आरोपी सिपाही वीरेंद्र प्रताप मूल रूप सिद्धार्थनगर के गांव गौरी का रहने वाला है।