मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार की अमृत सीवरेज योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ती दिख रही है। 50 करोड़ रुपये की लागत के बाद बनाया गया पंपिंग स्टेशन बंद पड़ा है और पानी भरा है। यहां तक कि इसमें लगे विद्युत उपकरण भी चोरी हो चुके हैं। अब जल निगम के अधिशासी अभियंता ने पालिका की ईओ को पत्र लिखकर लापरवाही के प्रति सचेत किया है।
शहर की जाट काॅलोनी, केशवपुरी, दक्षिणी सिविल लाईन, नुमाइश आदि में लंबे समय तक सीवरेज लाइन बिछाए जाने के बाद कंपनी बाग के एक कोने में पंपिंग स्टेशन भी बनाया गया। ऑटोमेटिक प्लांट में पानी एकत्र होते ही वह उसे नदी के लिए भेजा जा रहा था।
जल निगम का दावा है कि प्लांट का शुभारंभ छह अप्रैल 2023 को हो गया था और इसके पालिका के सुपुर्द कर दिया गया था। पालिका ने छह माह संचालन के लिए आग्रह किया था, जो जल निगम ने किया और उसके बाद इसे पालिका को सौंप दिया लेकिन अब यह स्टेशन बंद पड़ा मिला है। इसकी न तो पालिका और न जल निगम देखरेख कर रहा है।
पालिका के जलकल अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि पंपिंग स्टेशन के पालिका को सुपुर्द करने की कोई जानकारी हमें नहीं है।
जल निगम के अधिशासी अभियंता अबू जैद ने नगर पालिका की ईओ को लिखे पत्र में कहा कि अमृत सीवरेज योजना में कंपनी बाग के एक हिस्से में ऑटोमेटिक पंपिंग स्टेशन बनाया गया है। योजना 30 नवंबर 2022 में पूरी हो गई थी, छह माह तक जल निगम ने ट्रायल किया और छह अप्रैल 23 को इसका शुभारंभ किया गया और योजना को पालिका के सुपुर्द कर दिया गया। तीन अक्तूबर 2023 तक इसके बाद भी जल निगम देखरेख करता रहा। इसके बाद पालिका को यहां ऑपरेटर रखने के लिए पत्र लिखा गया। 29 जून को निरीक्षण किया गया तो पंपिंग स्टेशन में पानी भरा मिला। स्टेशन के बिजली के उपकरण चोरी मिले। नगर पालिका अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रही है।
पंपिंग स्टेशन का शुभारंभ छह अप्रैल 2023 को प्रदेश के नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा ने इसका शुभारंभ किया। तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान, राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल विशिष्ट अतिथि थे। जल निगम के इंजीनियर एनके पाल ने बताया कि अमृत योजना में बने सीवरेज और पंपिंग स्टेशन पर केंद्र सरकार ने 50 करोड़ 16 लाख 28 हजार का खर्च किए थे। यह पंपिंग स्टेशन ऑटोमेटिक है। पानी एकत्र होने पर खुद चल जाता है।
ईओ प्रज्ञा सिंह का कहना है कि जल निगम ने हैंडओवर करने की कोई जानकारी पालिका को नहीं दी। हमारे जलकल विभाग के पास कोई पत्र नहीं आया। इस प्रकरण की जानकारी अभी मिली है। हम अब इसकी देखरेख पालिका से कराएंगे।