मुजफ्फरनगर। इस बार की भीषण गर्मी का असर आम की फसल पर पड़ा है। इस बार आम का न तो साइज बढ़ा और न ही आम में वो स्वाद आ रहा है, जिसके लिए वह जाना जाता है। बागों में अच्छी बहार के बावजूद भी फलों का राजा इस बार इतना पसंद नहीं किया जा रहा है।
आम को फलों का राजा कहा जाता है। आम इसलिए भी पसंद किया जाता है कि इसका मूल्य आम जनता के खर्च के दायरे में ही रहता है। इस बार आम के दाम वहां तक नहीं आए, जहां तक आम जनता उसे खरीद सके। बागों में अच्छी बहार के बावजूद भी इस बार आम कम निकल रहा है। इस बार फरवरी से जून के अंत तक बारिश नहीं हुई इस कारण आम फूला ही नहीं और उसका साइज छोटा रह गया। उसमें अधिक रस नहीं बनने से वह रसीला नहीं हो पाया। इस कारण उसमें वह स्वाद नहीं बन पाया, जिसकी जनता में चाह रहती है।
बाग ठेेकेदार सलीम का कहना है कि इस बार आंधी से नुकसान नहीं हुआ। बहार भी अच्छी है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण आम का 25 प्रतिशत तक वजन कम निकल रहा है। ऐसे में आम में वह स्वाद नहीं मिल पा रहा है जिसकी चाहत रहती है। बाजारों में इस बार जो आम आ रहा है उसमें सिकुड़न अधिक दिखाई दे रही है। फल विक्रेता सद्दीक का कहना है कि इस बार अधिक गर्मी का असर आम पर साफ दिखाई दे रहा है।
जिला उद्यान अधिकारी रवि प्रकाश का कहना है कि इस बार फरवरी से लेकर जून तक बारिश नहीं हुई है। गर्मी अन्य वर्षों से अधिक रही है। भीषण गर्मी का असर आम की फसल पर भी पड़ा है। साइज नहीं बढ़ने और आम में प्राकृतिक स्वाद नहीं आने का यहीं बड़ा कारण है।