बागपत। जिला पंचायत अध्यक्ष पर रिश्वत मांगने और फाइल घर ले जाकर रखने का आरोप लगाते हुए सीएम से शिकायत की गई है। इस शिकायत के बाद जांच शुरू करा दी गई है। इसमें सबसे बड़ा मामला निकलकर सामने आया है कि कार्यालय से जीएसटी भुगतान की फाइल होने के बाद अध्यक्ष ने घर ले जाकर रखी है। इस तरह अध्यक्ष पर लगातार आरोप के कारण शिकंजा कसा जा सकता है।
जिला पंचायत में कोई भी कार्य करने पर छह प्रतिशत जीएसटी लगती है जो विभाग में जमा हो जाती है। कंपनी को कार्य पूरा होने पर जिला पंचायत को वह जीएसटी की राशि वापस करनी होती है। जिला पंचायत में मंगूमल कॉन्ट्रेक्टर्स ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा के कार्य किए हुए है। जिनकी जीएसटी अभी जिला पंचायत में जमा है और उसको लेने के लिए उनकी तरफ से फाइल चलाई गई। मंगूमल कॉन्ट्रेक्टर्स के अभिषेक के अनुसार उनकी फाइल को जिला पंचायत के अधिकारियों ने मंजूर कर दिया गया।
उसका आरोप है कि यहां से मंजूरी के बाद अध्यक्ष के पति जयकिशोर उस फाइल को अपने घर लेकर चले गए। जिन्होंने अन्य काफी फाइलें भी अपने घर ले जाकर रखी हुई है। इसके बाद उनसे घर आने के लिए कहा गया और वहां जीएसटी दिलाने के बदले रिश्वत की मांग की गई। इस मामले में अभिषेक ने सीएम तक शिकायत की तो उसपर जांच शुरू हो गई। इसमें सामने आया कि जिला पंचायत से वह फाइल काफी पहले मंजूर होकर अध्यक्ष के पास जा चुकी है। इसके बावजूद उसे नहीं किया जा रहा है।
सीएम को भेजी गई शिकायत में अध्यक्ष पर आरोप लगाया गया है कि वह ठेकेदारों को घर बुलाकर रुपये मांगते हैं। उनके यहां के कैमरे की जांच कराई जा सकती है और वह कई-कई ठेकेदारों से रुपये एडवांस लिए जाते हैं। इस मामले की भी जांच कराने की मांग की गई।
यह आरोप पूरी तरह से गलत है। कोई ठेकेदार गलत कार्य करेगा तो उसको ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। अगर कोई फाइल है तो उसे दिखवाया जाएगा और उसमें नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। – ममता किशोर, अध्यक्ष जिला पंचायत
हमारे कार्यालय में ऐसी कोई फाइल लंबित नहीं है। इस फाइल को मंजूर करके पहले ही भेजा जा चुका है। इसके लिए पत्र भी अलग से लिखा गया है। इस बारे में मेरे स्तर से कोई कार्रवाई लंबित नहीं है। चंद्रवीर सिंह, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत