मुजफ्फरनगर। मंकी पाक्स की बढ़ती चिंताओं के बीच देशभर में एडवाइजरी जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है और स्थानीय चिकित्सकों को इस बीमारी के मामलों में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकी पाक्स को ’पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी आफ इंटरनेशनल कंसर्न’ घोषित किया है, जिससे शासन स्तर पर संदिग्ध रोगियों का चिन्हीकरण, सैंपल कलेक्शन और उपचार के निर्देश दिए गए हैं। सैंपल राज्य संदर्भन प्रयोगशाला (डिपार्टमेंट आफ माइक्रोबायोलाजी, केजीएमयू) को भेजे जाएंगे।

सीएमओ डा. एमएस फौजदार ने बताया कि शासन स्तर से विभागीय सचिव रंजन कुमार की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं और राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर (18001805145) जारी किया गया है। प्रदेश भर के प्वाइंट आफ एंट्री पर मरीजों की निगरानी शुरू की जा रही है।

जिला सर्विलांस अधिकारी अलका सिंह ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग इस समय मंकी पाक्स को लेकर अलर्ट मोड में है। 24 अगस्त को शासन स्तर से इस मामले में एक वेबीनार का आयोजन कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए थे।

मंकी पाक्स के लक्षण
– शरीर पर दाने – तेज बुखार – अत्यधिक कमजोरी – लिम्फ ग्रंथियों में सूजन

सतर्क रहने की अपील
यह एक स्व-सीमित रोग है और इसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक बने रह सकते हैं। समय पर उचित देखभाल और इलाज आवश्यक है। मंकी पाक्स से ग्रसित रोगी के संपर्क में आने से भी यह रोग फैल सकता है। हालांकि, मंकी पाक्स का अंतिम मामला मार्च 2024 में केरल में मिला था और उस मरीज का अंतरराष्ट्रीय भ्रमण का इतिहास था। स्वास्थ्य विभाग ने सभी नागरिकों से सतर्क रहने और लक्षणों के दिखने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेने की अपील की है।