मुजफ्फरनगर : आत्महत्या के तेजी से बढ़ रहे मामलों को लेकर तमाम जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन लोगों के जीवन में तनाव है कि बढ़ता ही जा रहा है। यही तनाव ही आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए प्रेरित करने लगता है।

न जाने क्यों लोग जिंदगी से भाग रहे हैं। जीवन में जरा तनाव या संघर्ष बढ़ा नही कि बेचैन हो उठते हैं। यह बेचैनी इस कदर हावी हो जाती है कि वह आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा लेते हैं। यह कदम भले ही एक लम्हे में लिया गया फैसला हो, लेकिन अपनों के लिए जिंदगी भर का जख्म बन जाता है।

आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तनाव, आर्थिक समस्या, रिश्तों का टूटना या फिर मानसिक बीमारी इस समस्या को बढ़ा रही है। छोटी-छोटी बातों पर धैर्य खो देना और गलत विचारों को जन्म देना तनाव का अहम कारण है।

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्पण जैन का कहना है कि मानसिक रोगों के लिए पारिवारिक सहयोग और परामर्श बेहद जरूरी है। अवसाद की ओर जा रहे व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आने लगता है। ऐसे में उससे बात करनी चाहिए।

आजकल गैजेट्स के प्रयोग से बीमारियां ओर मुखर हो रही हैं। युवा वर्ग नशे की आदतों के चलते कई बार के मानसिक रोगों का शिकार हो रहा है। इन सब स्थितियों से निपटने के लिए आज के समय में काउंसलिंग बेहतर विकल्प है।

समाज को निभानी होगी जिम्मेदारी
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. गीतांंजलि का कहना है कि एक ऐसा समाज बनाना होगा जहां लोग मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं। स्टेटस सिंबल के दौर में लोग अपनी समस्याएं बताने से कतराने लगे हैं।

समाज के लोगों के उपहास के डर से समस्याओं से अकेले जूझते रहते हैं। मदद नही मिलती तो फिर गलत कदम उठा बैठते हैं। ऐसे में समाज को जिम्मेदारी निभानी होगी। एक स्वस्थ सोच का समाज ही इस समस्या को रोक सकता है।
योग, ध्यान और ज्ञान करेगा मन शांत: लूथरा
लाइफ कोच सोनिया लूथरा कहती हैं कि लाइफ स्टाइल मानसिक विकृतियों को जन्म दे रही है। तनाव एक सर्वव्यापक रोग बन गया है। तनाव शरीर को झकझोर देता है और भटकाव पैदा करता है।

ऐसे में ध्यान का रास्ता मन को शांत करेगा। आज के भागमभाग के जीवन में खुद को शांत रखकर ही तनावमुक्त रहा जा सकता हैै। अध्यात्म ही एक ऐसा मार्ग है जहां चित की विकृतियों को योग, ध्यान और ज्ञान से सही किया जा सकता है।

जब तनाव हो तो आजमाए ये उपाय
मन की बातों को अपनों से साझा करें
तनाव दूर करने के लिए अच्छी नींद लें
व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें
अपने आसपास के लोगों से बात करें
सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें
अपनी पसंद का संगीत सुनें
समाज को निभानी होगी महत्वपूर्ण भूमिका
कम उम्र का वर्ग समस्याओं से लड़ना नहीं चाहता। लंबा जीवन जी चुके लोग अकेलेपन के साथ नहीं रहना चाहते। समस्याओं से लड़ने के बजाए लोग खुद के जीवन से लड़ रहे हैं। ऐसे में सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर भी लोगो को आगे बढ़कर मॉटिवेटर की भूमिका निभानी होगी।

केस-1
थाना सिविल लाइन की मदीना काॅलोनी निवासी जीशान(28) की चार साल पहले शादी हुई थी। विवाद के कारण उसका पत्नी से तलाक हो गया था। उसने आत्महत्या कर ली।

केस-दो
नई मंडी के सुभाष नगर में रहने वाला नदीम(29) मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता था। कमरे में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की वजह पारिवारिक विवाद माना जा रहा है।