नई दिल्ली। फ्रिज या रेफ्रिजरेटर एक घरेलू डिवाइस होता है जो खाने-पीने की चीजों को ताजा रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह एक ऐसी बंद जगह होती है जिसमें तापमान कम रखा जाता है, जिससे बैक्टीरिया कम पनपते हैं और खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब नहीं होती. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि फ्रिज कैसे काम करता है? इसमें कितने पार्ट होते हैं. आइए आज आपको इसी के बारे में बताते हैं.

फ्रिज कैसे काम करता है?
फ्रिज एक थर्मोडायनेमिक साइकल पर काम करता है. इसमें एक शीतलक कूलेंट (रेफ्रिजरेंट) का उपयोग किया जाता है जो वैपोराइज होकर गर्मी को अबजॉर्ब करता है और फ्लूइड बनकर गर्मी को छोड़ता है.

इवैपोरेशन – कूलेंट फ्रिज के अंदर वैपोराइज होता है और इस प्रक्रिया में गर्मी को अबजॉर्ब करता है, जिससे फ्रिज के अंदर का तापमान कम हो जाता है.
कंप्रेसन – स्टीम को एक कंप्रेसर द्वारा कंप्रेस किया जाता है, जिससे इसका तापमान और दबाव बढ़ जाता है.
कंडेंसेशन – उच्च तापमान और दबाव पर वाष्प द्रव में बदल जाती है और इस प्रक्रिया में गर्मी को छोड़ती है.
एक्सपैंशन – द्रव को एक एक्सपैंशन वाल्व के माध्यम से एक कम दबाव वाले क्षेत्र में भेजा जाता है, जिससे यह फिर से वैपोराज्ड हो जाता है.

फ्रिज के पार्ट
कंप्रेसर – यह फ्रिज का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जो कूलेंट को कंप्रैस करता है.
कंडेनसर – यह एक कॉइल होता है जिसके माध्यम से गर्म कूलेंट बहता है और गर्मी को वातावरण में छोड़ता है.
इवैपोरेशन – यह एक कॉइल होता है जिसके माध्यम से ठंडा कूलेंट बहता है और फ्रिज के अंदर से गर्मी को अबजॉर्ब करता है.
थर्मोस्टैट – यह एक तापमान कंट्रोलर होता है जो फ्रिज के अंदर के तापमान को कंट्रोल करता है.
डोर सील – यह फ्रिज के दरवाजे को एयरटाइट सील करता है ताकि ठंडी हवा बाहर न निकल सके.

फ्रिज के प्रकार
सिंगल डोर रेफ्रिजरेटर – इनमें केवल एक दरवाजा होता है और ये आमतौर पर छोटे होते हैं.
डबल डोर रेफ्रिजरेटर – इनमें दो दरवाजे होते हैं, एक फ्रीजर के लिए और दूसरा रेफ्रिजरेटर के लिए.
साइड-बाय-साइड रेफ्रिजरेटर – इनमें फ्रीजर और रेफ्रिजरेटर एक दूसरे के बगल में होते हैं.
फ्रॉस्ट-फ्री रेफ्रिजरेटर – इनमें ऑटोमैटिकली डिफ्रॉस्टिंग की सुविधा होती है.