मुजफ्फरनगर :  टिटौड़ा निवासी अनुसूचित जाति के छात्र अतुल कुमार की फीस सरकार भरेगी। अतुल के प्रवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। अतुल की फीस संबंधित मामला जहां लखनऊ तक गूंजा, वहीं स्थानीय नेता हाल जानने तक भी नहीं पहुंचे।

मुजफ्फरनगर के टिटौड़ा के अनुसूचित जाति के छात्र अतुल कुमार के प्रवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ने लगी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छात्र को आईआईटी धनबाद ने ऑफर लेटर भेजा है। गुरुवार को धनबाज जाने के लिए ट्रेन का आरक्षण कराया गया।

मजदूर राजेंद्र कुमार ने बताया कि छात्र की ई-मेल पर आईआईटी की ओर से सूचना प्राप्त हो गई है। इसमें जल्द ही प्रवेश लेने के लिए कहा गया है। साथ ही फीस का स्ट्रक्टर भी दिया गया है। धनबाद जाने के लिए गुरुवार को ट्रेन का आरक्षण कराया जाएगा। इलेक्टि्कल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी है। दो महीने की छूटी हुई पढ़ाई को भी कवर करना है।

: प्रवेश परीक्षा में छात्र अतुल कुमार की 1455वीं रैंक थी। आईआईटी धनबाद में प्रवेश लेना था। 24 जून की शाम पांच बजे तक काउंसिलिंग शुल्क के 17500 रुपये का किसी तरह इंतजाम हुआ, लेकिन तब तक वेबसाइट लॉगआउट हो गई।

अतुल करीब तीन मिनट से पिछड़ गया था, जिस कारण प्रवेश नहीं मिल रहा था। इसके बाद एससी-एसटी आयोग, हाईकोर्ट झारखंड और मद्रास पहुंचे। मद्रास के बाद प्रकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां पर सोमवार को हमारे हक में ही फैसला आया।

टिटौड़ा गांव से अनुसूचित जाति का मजदूर राजेंद्र कुमार सिलाई भी जानते हैं। मजदूर का एक बेटा मोहित कुमार हमीरपुर और दूसरा बेटा रोहित खड़कपुर से आईआईटी कर रहा है। तीसरा बेटा अतुल अब धनबाद से पढ़ाई करेगा। चौथा बेटा अमित खतौली में पढ़ाई कर रहा है। माता राजेश देवी गृहिणी हैं।

मामले की गूंज लखनऊ और दिल्ली तक हुई। छात्र की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट के बाद मंत्री असीम अरुण ने भी हाथ बढ़ाए। मजदूर राजेंद्र सिंह का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही वह असीम अरुण से मिला था, उन्होंने मदद का भरोसा दिया था। उनका कहना है कि स्थानीय नेताओं ने अभी तक कोई सकारात्मक मदद नहीं की है।