दोघट। निरपुड़ा गांव के जंगल में शुक्रवार दोपहर शटडाउन लेकर हाईटेंशन लाइन के तार जोड़ने के दौरान करंट छोड़ दिया गया। जिससे करंट लगने से संविदा लाइनमैन गजेंद्र उर्फ गौरा (35) की मौत हो गई। जिसका पता चलने पर पहुंचे ग्रामीणों ने मृतक का शव बिजलीघर पर रखकर हंगामा किया। अफसरों ने मृतक के परिजनों को साढ़े सात लाख रुपये मुआवजा देकर शांत कराया।
निरपुड़ा गांव का संविदा लाइनमैन गजेंद्र उर्फ गौरा शुक्रवार दोपहर अपने साथी लाइनमैन नरेश और गोटी के साथ जंगल में कालूराम के खेत में फुंके ट्रांसफार्मर को बदलकर तार जोड़ने गए थे। तभी नरेश ने बिजलीघर पर एसएसओ को फोन कर शटडाउन मांगा। आरोप लगाया कि एसएसओ ने शटडाउन देने के बाद दोबारा से लाइन में करंट छोड़ दिया। तभी तार जोड़ने के लिए चढ़े गजेंद्र को करंट लग गया और वह नीचे आकर गिरा। जबकि नरेश और गोटी बाल बाल बच गए।
पता चलते ही काफी संख्या में ग्रामीण जंगल में पहुंचे, जो गजेंद्र को लेकर बड़ौत के निजी अस्पताल में पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद ग्रामीण शव लेकर निरपुड़ा बिजलीघर पहुंचे और वहां शव रखकर एसएसओ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया।
हंगामे की सूचना पर नायब तहसीलदार अतुल रघुवंशी, एसडीओ बड़ौत रजत गुप्ता, निविदा संविदा कर्मचारी सेवा समिति अध्यक्ष बलराज सिंह पुलिस के साथ बिजलीघर पर पहुंचे। जिन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर मृतक के परिजनों को साढ़े सात लाख रुपये आर्थिक सहायता तत्काल देने और बाद में ढाई लाख रुपये दिलाने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।
उधर, मृतक के चाचा कृष्णवीर उर्फ कृष्णपाल ने एसएसओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए थाने में तहरीर दी। इस दौरान पूर्व विधायक वीरपाल राठी, बिजेंद्र राणा, कृष्णपाल, पुष्पेंद्र राणा, गुलाब सिंह, निश्चय राणा, सुधीर, ब्रजपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लाइनमैन नरेश ने जंगल की लाइन काटने के लिए शटडाउन मांगा, जिसके लिए एसएसओ ने हां कर दी। आरोप लगाया कि एसएसओ ने जंगल की जगह गांव की लाइन काट दी।
जिले में बिजली लाइन में फाल्ट होने पर ठीक करते समय बार-बार लाइनमैनों के साथ हादसे हो रहे हैं। जिसमें कुछ समय पहले बड़ागांव, गैडबरा में भी लाइनमैन की करंट लगने से मौत हो गई थी। इसके अलावा कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें एसएसओ के खिलाफ कार्रवाई भी हुई, लेकिन सुधार नहीं हुआ।