बागपत। बागपत जनपद के बावली गांव से अपहृत हुई सात माह की बच्ची को 24 घंटे के अंदर बरामद कर अपहरण करने वाली दो बहनों और उनके भतीजे को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी महिला 27 सितंबर से बच्ची के अपहरण की फिराक में थी, जिसने रुपयों का लालच देकर बड़ी बहन से बच्ची को मंगवाया था।
बावली गांव में गुरुवार को इसरार की दस साल की बेटी मायरा अपनी सात माह की बहन मायसा को लेकर गली में मस्जिद के पास घूम रही थी। तभी बुर्के में एक महिला मायरा के पास आई और सात माह की बच्ची मायसा को छीनकर ले गई। एसपी अर्पित विजयर्गीय ने बताया कि बच्ची को बरामद करने के लिए चार टीमों को लगाया गया। जिन्होंने बावली गांव की रहने वाली श्वेता, उसकी बहन प्रीति निवासी दिल्ली और तुषार निवासी करण वाटिका नजफगढ़ मार्ग दिल्ली को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में श्वेता निवासी बावली ने बताया कि उसकी बहन प्रीति के दो बेटे हैं, जो अक्सर बीमार रहते हैं। तभी किसी व्यक्ति ने बताया कि बेटी को घर में पालने पर दोनों बेटों की तबीयत भी ठीक हो जाएगी। इसके बाद श्वेता ने प्रीति को वीडियो कॉल कर बच्ची दिखाई। बच्ची पसंद आते ही योजना बनाकर अपहरण कर लिया। बावली गांव से अपहरण करने के बाद गौरीपुर मोड़ के पास श्वेता ने अपनी बहन प्रीति को बच्ची सौंप दी, जो दिल्ली लेकर चले गए थे। बाद में बच्ची को भी दिल्ली से बरामद किया गया।
परिजनों ने बताया कि श्वेता ने बड़ी बहन मायरा को नवरात्रों में कन्याओं को खाना खिलाने और रुपयों का लालच देकर बच्ची मायसा को मंगवाया था। शनिवार को मायरा पहले अकेली चली गई, लेकिन उसे वापस भेज दिया गया। इसके बाद मायरा अपनी छोटी बहन को लेकर जा रही थी। तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस लाइन के सभागार में बच्ची सकुशल बरामद होने पर परिजन खुश नजर आए। जिन्होंने पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। जहां बच्ची के रिश्ते के दादा इशाक खान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद के नारे लगाए और पुलिसकर्मियों को माला पहनाकर सम्मानित भी किया। उधर, एसपी ने पुलिसकर्मियों पुरस्कार देने की घोषणा की।
एसपी ने बताया कि घटना की जांच शुरू होते ही बलि देने के लिए बच्ची का अपहरण किए जाने की आशंका भी जताई गई। लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो मामला सिर्फ अपहरण कर बच्ची को पालने का निकला। इस मामले में कई लोगों से पूछताछ भी की गई।
एसपी ने बताया कि महिला ने अपनी पहचान छिपाने के लिए बुर्का पहनकर अपहरण किया। जो गांव के सीसीटीवी कैमरों की नजर से भी बचना चाहती थी। बच्ची बरामद करने के लिए बावली गांव से लेकर सोनीपत के बहालगढ़ तक 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। जो कई जगह नजर आई। इसके बाद सर्विलांस की मदद से अपहरणकर्ताओं तक पहुंचे।