मुजफ्फरनगर में चौधरी छोटूराम डिग्री कॉलेज पशुशाला की करोड़ों रुपये की विवादित 820 वर्ग मीटर जमीन पर हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया है। हाईकोर्ट ने शत्रु संपत्ति विभाग को चार महीने में प्रकरण का निस्तारण करने के आदेश दिए हैं। मौके पर यथास्थिति रहेगी। राजस्व विभाग ने जमीन को शत्रु संपत्ति बताकर कई महीने पहले तारबंदी कर कब्जा कर लिया था।
सरकुलर रोड स्थित छोटूराम कॉलेज के अधिवक्ता अवध बिहारी लाल गुप्ता और एडवोकेट अमित गुप्ता ने बताया कि लगभग दो माह पूर्व एसडीएम सदर दीपक कुमार के साथ राजस्व विभाग की टीम ने कॉलेज की पशुशाला पर पहुंचकर जमीन के 820 वर्ग मीटर के हिस्से को शत्रु संपत्ति बताकर तारबंदी करा दी थी। प्रशासन की कार्यवाही को चुनौती देते हुए कॉलेज प्रशासन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा की बेंच ने स्टे कर दिया है। मौके पर यथास्थिति के आदेश दिए गए हैं। साथ ही शत्रु संपत्ति विभाग मुंबई को आदेश दिए हैं कि चार महीने में प्रकरण का निपटारा कर लिया जाए। तब तक जिला प्रशासन या कॉलेज प्रशासन विवादित जमीन पर कोई कार्य नहीं करेगा।
प्रशासन ने यह दिया था तर्क
करोड़ों रुपये की जमीन को लेकर प्रशासन का आरोप था कि चौधरी छोटूराम डिग्री कॉलेज प्रशासन ने पशुशाला को आगे बढ़ाकर शत्रु संपत्ति में दर्ज भूमि पर भी कब्जा कर लिया था। जिस वजह से इस भूमि का उपयोग कॉलेज कर रहा था।
छह दशक पहले शुरू हुई थी पशुशाला
चौधरी छोटूराम महाविद्यालय की पशुशाला का शिलान्यास 15 दिसंबर, 1959 में आगरा यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वाइस चांसलर कर्नल केपी भटनागर ने किया था।
हुकुम सिंह ने किया था दुकानों का लोकार्पण
जिस भूमि को शत्रु संपत्ति बताया जा रहा है, यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में कॉलेज के नाम ही है। पशुशाला के अगले हिस्से की ही 820 वर्ग मीटर भूमि को शत्रु संपत्ति बताकर प्रशासन ने तारबंदी कर दी थी। जबकि यहां पर 22 दुकानों का लोकार्पण 1998 को तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री हुकुम सिंह ने किया था।
दोबारा तय होगा जमीन का स्वामित्व
अधिवक्ता अवध बिहारी लाल गुप्ता व अमित गुप्ता ने बताया कि कॉलेज की ओर से कस्टोडियन आदेश दो मार्च, 2010 के विरुद्ध हाईकोर्ट इलाहाबाद में रिट याचिका दायर की गई थी। स्वामित्व तय करने के लिए मामले को पुन: कस्टोडियन विभाग को भेजा है।
इंसाफ की लड़ाई जारी रहेगी : शरद
चौधरी छोटूराम महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव शदर कुमार का कहना है कि प्रशासन ने पशुशाला की जमीन को गलत तरीके से शत्रु संपत्ति बताकर तारबंदी की थी। कॉलेज ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट से राहत मिली है, इंसाफ की लड़ाई जारी रहेगी। जमीन कॉलेज की है।