मुजफ्फरनगर। मीरापुर विधानसभा में सियासी रणसिंघा बज गया। उपचुनाव में भाजपा-रालोद गठबंधन का इम्तिहान होगा। साल 2022 में रालोद ने सपा के साथ गठबंधन में सीट पर जीत दर्ज की थी। लेकिन अब रालोद का भाजपा के साथ गठबंधन है। बसपा के पहली बार उपचुनाव में उतरने से इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं। लोकसभा चुनाव में हुए भाजपा-रालोद गठबंधन के नतीजे अधिक असरदार नहीं रहे थे।
ऐसे में मीरापुर के उपचुनाव पर सबकी नजर टिकी है। गठबंधन में सीट रालोद के हिस्से में रहेगी। गठबंधन की पहली परीक्षा प्रत्याशी के चयन की होगी। रालोद में 15 से अधिक दावेदार हैं, जबकि कईं भाजपा नेता भी टिकट पर दावा जता रहे हैं।
बिजनौर लोकसभा के इस क्षेत्र में सपा और बसपा को कम नहीं आंका जा सकता। साल 2012 के चुनाव में यहां बसपा से मौलाना जमील विधायक रह चुके हैं। साल 2017 में सपा के लियाकत अली मामूली अंतर से चुनाव हार गए और भाजपा के अवतार भड़ाना विधायक बने थे। साल 2022 में रालोद-सपा गठबंधन में चंदन चौहान चुनाव जीते थे। लोकसभा चुनाव में यहां सपा, आसपा और बसपा के प्रत्याशियों ने भी खूब मतों में सेंधमारी की थी