मुजफ्फरनगर। पशुओं के बीमार होने पर अब पशुपालकों को इधर-उधर चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक कॉल करते ही पशु चिकित्सक विभाग की मोबाइल वैन के माध्यम से घर पहुंचेंगे और पशुओं का उपचार करेंगे। केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जानकारी दी। उत्तर प्रदेश के हिस्से में 526 मोबाइल वैन आई है। विधानसभा चुनाव से पहले यह सुविधा उपलब्ध होगी। तीन चरणों में यह योजना पूरी की जाएगी।

पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट तैयार किया है। डॉ. संजीव बालियान ने बताया कि देश में 2980 मोबाइल वैटरीनरी वैन चलाई जाएंगी, इसके लिए केंद्र सरकार ने 476 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। पशु पालकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए योजना बनाई गई है। बुंदेलखंड क्षेत्र के गरीब पशुपालकों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। डॉ. संजीव बालियान ने बताया कि मोबाइल वैन में तीन लोगों की ड्यूटी रहेगी। डॉक्टर, फार्मेसिस्ट और वैन का चालक। तीन चरणों में यह योजना पूरी होगी।

पशुओं को शीघ्र मिलेगा उपचार
मोबाइल वैन का उद्देश्य पशुपालकों को राहत दिलाने और पशुओं को तुरंत उपचार दिलाने का है। पशुओं में बार-बार आ रही बीमारियों का भी समय से उपचार हो सकेगा। इससे पशुपालकों का खर्च घटेगा और उन्हें राहत मिलेगी।

इस तरह काम करेगी यह सेवा
पुलिस की डायल 112 सेवा की तरह लखनऊ में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। पशुपालक के कॉल करते ही लखनऊ में समस्या नोट होगी और संबंधित क्षेत्र की मोबाइल वैन को जानकारी दी जाएगी। इस वैन पर तैनात पशुपालन विभाग की टीम तुरंत ही मौके पर जाएगी। गाड़ियों में जीपीएस की व्यवस्था की गई है। रेस्पांस टाइम को भी रिकॉर्ड किया जाएगा।

इस तरह किया जाएगा खर्च
केंद्र सरकार योजना पर 60 फीसदी और राज्य सरकार 40 फीसदी खर्च करेगी। लेकिन पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार करेगी।
तीन चरणों में पूरी होगी योजना

चरण वैन लागत
पहला 2980 476 करोड़
दूसरा 551 76.61 करोड़
तीसरा 801 128.16 करोड़
पशु पालकों के लिए वरदान

डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि यह पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी। देहात क्षेत्र में पशुपालक अस्पताल के चक्कर काटते हैं, लेकिन कई जगह समुचित उपचार नहीं मिल पाता। ऐसे में मोबाइल वैन के लिए पशुपालक को सिर्फ कॉल सेंटर में ही कॉल करनी होगी।