मुज़फ्फरनगर : मुंह में छाले, जख्म या गांठ हो, गले से खून आता है, तो सावधान हो जाएं। ये कैंसर के लक्षण हैं। इसका पता अधिकतर तीसरी या चौथी स्टेज में चलता है। इसलिए गुटखा या खैनी खाने वाले सभी लोग आज ही निजी या सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच कराएं।

मुंह के छाले और गहरे घाव को नजरअंदाज न करें। यह कैंसर हो सकता है। कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पूर्वांचल के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में भी मुंह और गले के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। गुटखा, तम्बाकू और खैनी आदि का सेवन ओरल कैंसर को बढ़ावा दे रहा है। इसलिए इसे गंभीरता से लें और तुंरत डॉक्टर को दिखाएं। गुटखा और खैनी खाने के आदि सभी लोग तुरंत अपनी जांच कराएं।

विशेषज्ञों की मानें तो सावधानी और कई उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है। जागरूकता के अभाव में मरीजों को कैंसर की जानकारी तीसरे और चौथे स्टेज में हो रही है। इसकी वजह से उनकी जान भी जा रही है। मरीज के इलाज के खर्च तले परिवार दबकर बर्बाद हो जाता है। बच्चे अनाथ हो जाते हैं, पत्नी के माथे का सिंदूर उजड़ जाता है। खान-पान व जीवन शैली में बदलाव से इस बीमारी को रोका जा सकता है।

जिला अस्पताल ईएनटी विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इन मरीजों में से कुछ मुंह और गले में गांठ एवं अल्सर से पीड़ित भी होते हैं। जिसका मुख्य कारण पान मसाला, गुटखा, तंबाकू व सिगरेट आदि का अधिक सेवन है। जिला अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डा. राकेश कुमार कहते हैं कि ओपीडी के दौरान मरीज के मुंह और गले में गांठ एवं कोई जख्म आदि की शिकायत पर वह जांच कराते हैं। यदि कुछ संदिग्ध नजर आता है तो एंडोस्कोपी भी कराई जाती है।

डा. राकेश ने बताया कि गुटखा चबाने और मुंह में खैनी एवं तंबाकू आदि रखने वालों को अकसर ओरल यानी मुंह का कैंसर घेर लेता है। शुरुआत में मुंह के भीतर कोई गांठ होती है। उपचार और जांच में लापरवाही की स्थिति में इसके बढ़ने का खतरा रहता है, जिससे बचाव की आवश्यकता है। मुंह में एक माह से अधिक समय तक छाले और कोई गांठ होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। हर साल कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पहले पूर्वांचल के लोगों में यह बीमारी अधिक देखने में आती थी। लेकिन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

ये लक्षण मिले तो कराएं जांच
– मुंह में एक माह से अधिक समय तक घाव।
– मुंह के किसी भाग से खून का अक्सर रिसाव।
– अचानक से आवाज का बदलना।
– गले में खाना सटकने में दिक्कत।

मुंह एवं गले के कैंसर के कारण
– तंबाकू व उससे बने उत्पादों का सेवन।
– लंबे समय तक शराब का सेवन।
– जंक फूड व फास्ट फूड का प्रयोग।
– कभी-कभी अनुवांशिक दोष।
– शरीर में अकसर गांठों का बनना।
– बार-बार एक्स-रे करवाना।