मुजफ्फरनगर। दंगे के दौरान हुई आगजनी के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के बाद गवाही से मुकरे दंगा पीड़ित पर ही कोर्ट ने 344 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है। संबंधित मुकदमे में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पांच आरोपियों को बरी कर दिया था।
दंगा पीड़ित ने कोर्ट में नामजद आरोपियों के घटना को अंजाम दिए जाने की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया। कहा कि वह तो घटना से पहले ही मलकपुर कैंप चला गया था। घटना के 10-12 दिन बाद टाइपशुदा कागज पर उसके दस्तखत कराए गए थे। इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पांचों आरोपियों को बरी कर दिया था।
दंगे के दौरान बहावड़ी गांव में हुई आगजनी के मामले में पांच आरोपियों को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। एडीजे-6 बाबूराम ने सुनवाई की। अधिवक्ता राहुल चौधरी ने बताया कि फुगाना थाना क्षेत्र के बहावड़ी गांव निवासी नानू ने गांव के ही विनोद, कपिल, नरेश और आशीष समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
वादी का कहना था कि आरोपियों ने दंगे के दौरान उसके घर में आगजनी की है। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।