मुज़फ्फरनगर : बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली के बेटे की शादी में बसपा नेताओं को जाने से रोकना बसपा नेताओं में अदावत पैदा कर रहा है। वहीं सपा इस अदावद को भुनाने में जुटी है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि बसपा में चल रही उठापटक का असर मीरापुर चुनाव में दिख रहा है।

बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली के बेटे की शादी में बसपाइयों को जाने से रोका जाना और तीन दलित नेताओं को सजा के रूप में पार्टी से बाहर निकालने का असर मीरापुर विधानसभा उपचुनाव पर पड़ सकता है। सपा नेता इस मुद्दे को उप चुनाव में भुनाने की तैयारी में हैं।

सपाइयों की चाल कामयाब हुई तो सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा को मुस्लिम मतदाताओं में फायदा मिल सकता है। हालांकि इस मुद्दे का डैमेज कंट्रोल करने के लिए बसपा ने बाबू मुनकाद अली को मेरठ, बरेली, उत्तराखंड से हटाकर पूर्वांचल के गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या, देवीपाटन का मंडल प्रभारी बनाया है। मुनकाद अली बसपा में राष्ट्रीय महासचिव पद तक ही नहीं पहुंचे बल्कि राज्यसभा में भी स्थान लिया। इनको बसपा सुप्रीमो मायावती का बेहद करीबी माना जाता रहा है।

उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें मीरापुर विधानसभा सीट से मुनकाद अली की बेटी भी सपा के सिंबल से उपचुनाव लड़ रही हैं। बसपा ने मुनकाद अली को मीरापुर से दूर रखा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बसपा हाईकमान के निर्देश पर सात नवंबर को बाबू मुनकाद अली के बेटे की शादी समारोह में बसपा नेताओं को जाने से रोका गया, जो मुस्लिम समाज में चर्चा का विषय बना है।

मीरापुर सीट पर एक लाख 30 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। इन मतों पर सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा, बसपा प्रत्याशी शाहनजर और आसपा प्रत्याशी जाहिद हुसैन का मजबूत दावा है। मुस्लिम मत पाने के लिए तीनों ही दलों के मुस्लिम प्रत्याशियों जोर लगाए हुए हैं।

भाजपा के बंटेगे तो कटोगे, एक रहोगे तो सेफ रहोगे, नारे का असर मुुस्लिम मतदाताओं पर भी दिख रहा है। सपा इस मौके को भुनाने में लगी है। वहीं, बसपा भी अब डैमेज कंट्रोल में लग गई है। मुनकाद अली को न सिर्फ पूर्वांचल के चार मंडलों का प्रभारी बनाया गया है, बल्कि पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुनकाद ने दिल्ली पहुंचकर बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की है।

बसपा नेता बाबू मुनकाद अली के बेटे की शादी समारोह में बसपा नेताओं के न जाने को सपा के मुस्लिम नेता मुद्दा बना रहे हैं। बसपा के इस कदम को मुनकाद अली के अपमान से जोड़ रहे हैं, इसका फायदा मीरापुर से सपा प्रत्याशी मुनकाद अली की बेटी और कादिर राणा की पुत्रवधु सुम्बुल राणा को मिल सकता है।

सभी राजनीतिक दलों की अपनी अलग नीति होती है। सपा मीरापुर में मजबूत चुनाव लड़ रही है। चुनाव जीतने के लिए पार्टी हर पहलू पर काम कर रही है और करेगी। -शाहिद मंजूर, किठौर विधायक एवं पूर्व मंत्री, सपा

मुनकाद अली को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। मुनकाद अली के यहां सात नवंबर को शादी का कार्यक्रम था। हम सभी लोग चुनाव में लगे हैं। वैसे भी मीरापुर से उनकी बेटी सपा से चुनाव लड़ रही हैं। वह भी वहां पहुंचतीं। कहीं सपा वालों के साथ बसपा वालों के फोटो न हो जाएं। इसलिए बसपा के कुछ लोग कार्यक्रम में नहीं गए थे। मीरापुर चुनाव में इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। -सतपाल पेपला, मंडल को-ऑर्डिनेटर