मुजफ्फरनगर। 31 साल से फरार चले रहे दस हजार के इनामी हत्यारोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नई मंडी कोतवाली व क्राइम ब्रांच टीम की संयुक्त कार्रवाई के बाद वह पुलिस के हत्थे चढ़ा। कोर्ट से स्थाई वारंट जारी होने पर उस पर इनाम घोषित किया गया था।

सीओ नई मंडी रुपाली राय ने बताया, एसएसपी अभिषेक सिंह के आदेश पर वांछित बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में वर्ष 1993 में हुई हत्या के बाद से फरार चल रहे शामली जिले के खेड़ीकरमू गांव निवासी 52 वर्षीय सलीम उर्फ लील्ला पुत्र बशीर की गिरफ्तारी के लिए नई मंडी कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद बघेल व क्राइम ब्रांच में तैनात एसआइ अजय प्रसाद गौड़ के नेतृत्व में टीम गठित की थी।

सलीम के खिलाफ कोर्ट से लगातार गैर जमानती वारंट जारी हो रहे थे। कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर उसके स्थाई वारंट जारी किए गए। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी ने दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। तभी से दोनों टीमें उसकी की तलाश में लगी हुई थी।

सीओ रुपाली राय ने बताया, गुरुवार शाम को नई मंडी कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद बघेल को सूचना मिली कि सलीम कूकड़ी रोड पर किसी से मिलने आने वाला है। कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद बघेल व क्राइम ब्रांच में तैनात एसआइ अजय प्रसाद गौड़ ने आरोपित को पकड़ने के लिए टीम बनाकर कूकड़ी रोड पर जाल बिछा दिया और रात साढ़े ग्यारह बजे आरोपित को तमंचा के साथ गिरफ्तार कर लिया।

1993 में हुआ था हत्याकांडसीओ ने बताया, आरोपित ने वर्ष 1993 में ओम प्रकाश पुत्र मलखान निवासी बैरोठी थाना विकास नगर जिला देहरादून (उत्तराखंड) की नई मंडी कोतवाली क्षेत्र में हत्या कर शव को ईख के खेत में डाल दिया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार जेल भेजा था, लेकिन वर्ष 1993 में जमानत पर बाहर आने के बाद से वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहा था। बताया गया है कि फरारी के दौरान आरोपित हैदराबाद में नाम बदल कर नौकरी कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार परिवार वालों पर दबाव भी बना रही थी।