मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर का नाम जीएसटी चोरी के मामले में बदनाम हो रहा है। सरकार को टैक्स नहीं देने और फर्जी तरीके से आईटीसी क्लेम कर मुनाफा कमाने के मामले में कई बड़े नाम जनपद से सामने आए हैं, जिन्हें टीम उनके घरों से ही पूछताछ के लिए उठाकर लेकर गई हैं। इसमें सफेदपोश से लेकर समाजसेवी का तमगा लेने वाले लोगों के नाम भी शामिल हैं। स्टेट जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी लगातार जीएसटी चोरी के मामलों में कार्रवाई कर रही है। जीएसटी चोरी को लेकर सेंट्रल जीएसटी भी बड़ी कार्रवाई कर रही है।
सेंट्रल जीएसटी टीम ने हाल ही में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप एवं उद्यमी गौरव स्वरूप के घर जांच के बाद उनके बेटे कार्तिक को पूछताछ के लिए उठाया था, जिसमें उनके समधी एसडी ग्रुप में पदाधिकारी आकाश कुमार को भी मेरठ बुलाकर घंटे पूछताछ की गई थी। जीएसटी जुर्माना जमा नहीं करने पर यह कार्रवाई हुई थी। इससे पूर्व शहर टिहरी सरिया के मालिक सतीश चंद गोयल के घर भी सेंट्रल जीएसटी की बड़ी रेड हुई थी, लेकिन सतीश गोयल और उनका बेटा वैभव गोयल टीम की आंखों से बचकर कई दिन शहर से गायब रहे। जीएसटी अधिकारियों के अनुसार उन्होंने अपनी फर्म में करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी सहित फर्जी तरीके से आईटीसी क्लेम लिया था।
इसके अलावा कई अन्य उद्यमी के घर और ठिकानों पर भी सेंट्रल जीएसटी रेड कर चुकी है। स्टेट जीएसटी विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर जेएस शुक्ला ने बताया कि टीम लगातार फर्जी बिलिंग को लेकर काम कर रही है। जीएसटी चोरी में सिद्धबली स्टील, सिग्मा कासमास, सर्वोत्तम रोलिंग मिल आदि पर तीन करोड़ रुपये तक जीएसटी चोरी पकड़ी जा चुकी है।
मुजफ्फरनगर में 28 से ज्यादा पेपर मिल, 18 से अधिक रोलिंग मिल सहित कपड़ा आदि कार्यों के बड़े औद्योगिक धंधे चल रहे हैं। इन्हें संचालित करने वाले ज्यादातर उद्यमियों की सांठगांठ फर्जी फर्म बनाकर उन्हें सेवा देने वाले गैंग से हैं। इसमें कई लोग जेल भी जा चुके हैं। यह लोग ईकाइयों का माल फर्जी बने बिलों से कराते हैं, जिसमें जीएसटी की चोरी से ज्यादा आईटीसी क्लेम कर राजस्व का चूना लगा रहे हैं। इसके लिए एक जाल बना हुआ है, जिसमें कागजों में माल क्रय-विक्रय होता है, लेकिन वास्तविकता में माल कहीं नहीं मिलता।
पुलिस ने पिछले दिनों फर्जी कंपनियों के नाम से बिल बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह का पुलिस राजफाश किया था। गिरोह ने पांच साल में 48 फर्जी कंपनियां बनाकर 925 करोड़ के फर्जी बिल काटे और 135 करोड़ की जीएसटी चोरी की थी। इस मामले में तस्लीम, जुनैद, आस मोहम्मद, सेठी, आसिफ, मोइन व अजीम को गिरफ्तार कर भेज भेजा गया था।