मुजफ्फरनगर। चरथावल में विभिन्न मांगों को लेकर भाकियू की पंचायत में अफसरों के नहीं पहुंचने से नाराज किसानों ने लेटकर जिला मुख्यालय की ओर कूच कर दिया। एसडीएम सदर निकिता शर्मा और सीओ राजू कुमार साव ने किसानों के काफिले को रोककर समस्याओं के निदान का भरोसा दिया। शाम सात बजे मुजफ्फरनगर मार्ग पर एक सप्ताह में मांगों पर ठोस कार्रवाई करने सहमति के बाद धरनारत किसान शांत हुए।

पिछले आंदोलनों में आश्वासन के बावजूद किसी मुद्दे पर मांग पूरी न होने पर किसानों ने अफसरों को सड़क पर बैठाकर नाराजगी जताई। मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे भाकियू युवा के मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा के नेतृत्व में पंचायत शुरू हुई। दो घंटे तक संबंधित विभाग के अफसरों के नहीं पहुंचने पर गुस्साए किसानों ने जिला मुख्यालय की ओर कूच कर दिया। किसान सड़क पर लेटकर जिला मुख्यालय की ओर बढ़े।

पूर्व पंचायत में विकास शर्मा ने कहा चरथावल-थानाभवन मुख्य मार्ग के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री प्रयुक्त किए जाने की जांच एवं दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने, चकबंदी विभाग में किसानों का उत्पीड़न, दो बार आंदोलन के बावजूद सिकंदरपुर गांव में हिंडन नदी पर स्थायी पुल नहीं बनने, सिचाई विभाग की नहरों और रजबहों की सफाई में घोटाले की जांच कराई जाएं। चरथावल कस्बे में मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण का रुका कार्य अफसरों और व्यापारियों के बीच हुई सहमति के मुताबिक जल्द शुरू कराया जाए।

चरथावल कस्बे में पाइप लाइन की वजह से कस्बे की तमाम सड़कों को तोड़कर गड्ढ़े बना दिए हैं। कस्बे की सड़कों को पुन: निर्माण कराया जाए। भुगतान समय से नहीं मिलने के कारण क्षेत्र के कई गांवों के किसान थानाभवन की बजाज शुगर मिल को गन्ना आपूर्ति नहीं करना चाहते हैं। उनकी व्यवस्था गन्ना विभाग दूसरी मिल के केंद्रों पर कराए।

जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया और रोहाना और बिरालसी गन्ना समिति सचिव एसपी सिंह ने मौके पर कहा कि समस्या के संबंध में गन्ना आयुक्त लखनऊ को प्रस्ताव भिजवाया जाएगा। मंडल युवा महासचिव निखिल चौधरी, रूपक चौधरी, नगराध्यक्ष सौरभ त्यागी, राहुल त्यागी, राज सिंह ठाकुर, पप्पू राणा, सोनू ठाकुर, ग्राम अध्यक्ष ज्ञानामाजरा रूपक चौधरी आदि मौजूद रहे।

एसडीएम सदर एवं कई विभाग के अफसर चरथावल पहुंचे। उन्होंने कमला फार्म के सामने किसानों के जत्थे को रोककर समस्याएं सुनीं। लेकिन ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण वार्ता विफल हो गई। पुन: किसानों का काफिला यहां से आगे बढ़ गया। सांझ ढलने और अंधेरे में पुलिस बल के साथ अफसर आगे चलते रहे। इससे पूर्व चकबंदी विभाग और सिचाई विभाग के अफसरों को सड़क पर बैठाकर प्रदर्शनकारियों ने खरी खोटी सुनाई। हिंडन पर स्थायी पुल नहीं बनने को लेकर खासी नाराजगी रही।

ब्लाॅक अध्यक्ष पवन त्यागी चौकड़ा एवं मनाेज शर्मा महरायपुर के किसानों की हालत ठंड में बिगड़ गई। एसडीएम सदर ने दोनों को सीएचसी में उपचार के लिए भेजा। एसओसी, चकबंदी अधिकारी रामकेश, तहसीलदार सदर राधेश्याम, नायब तहसीलदार हरेंद्र पाल सिंह, राजस्व निरीक्षक प्रवीण गुप्ता आदि कई विभाग के अधिकारी काफिले के साथ मौजूद रहे।

करीब सात घंटे पंचायत और प्रदर्शन में वार्ता का दौर चला। शाम देर शाम सात बजे डीसीओ के मौके पर आने के बाद सहमति बनी। किसानों की समस्याओं को एक सप्ताह में नियमानुसार पूरा कराने पर भरोसा दिया। कस्बे से तीन किलोमीटर दूर संजीवनी हॉस्पिटल के सामने हुई दूसरे दौर की वार्ता के बाद किसान लौट गए।