मुजफ्फरपुर: किसी ने सच कहा है कि ये जरूरी नहीं कि आप शहर जाकर नौकरी करके ही पैसे कमा सकते हैं। ऐसा भी नहीं है कि आप सीए और एमबीए करने के बाद ही कमाई कर सकते हैं। कृषि और खेति एक ऐसा जोन है, जिसमें आप मेहनत से लग जाते हैं, तो आपकी कमाई भी बढ़ती है और लोगों का कल्याण भी होता है। मुजफ्फरपुर में खेती किसानी से प्रेरित एक युवा विकास कुमार ने सीए की तैयारी छोड़ कर मसाले की खेती शुरू की।
विकास कुमार को शुरुआत में दिक्कत हुई लेकिन धीरे-धीरे आय बढ़ गई। अभी हर महीने कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपए की आमदनी हो रही हैं। खेती से आय बढ़ाने के लिए नर्सरी भी खोल दिया है। जिसमें मसाले के पौधे भी बेचने लगे। इस काम से युवक काफी खुश है। विकास का कहना है की गांव में परिवार के साथ रहकर इतनी आमदनी काफी है। वहीं काफी मात्रा में मसाला उगाने की तैयारी में है।
युवक मुसहरी प्रखंड के रोहूआ गांव का रहने वाला है। विकास कुमार ने बताया कि वो कॉमर्स से स्नातक किया है। उसका सपना सीए बनने का था। इसलिए कॉमर्स संकाय में पढ़ाई की। लेकिन बाबूजी किसान हैं। खेती और बागवानी में उनकी लगन और मेहनत देखकर इरादा बदल गया। सीए की तैयारी छोड़ दी। घर पर ही खेती और बागवानी को आगे बढ़ाने के लिए मसाले पर रिसर्च किया। रात में सोने के वक़्त मसाले के खेती का ध्यान आया।
उन्होंने आगे बताया कि बंगाल से अजवाइन, दालचीनी, इलायची, लॉन्ग समेत सभी प्रकार के मसाले का पौधा मंगाया और इसकी खेती कर आय बढ़ाया। जिले में मसाले की खेती अनोखी चीज है। जब अगल-बगल के किसानों को मसाले के पौधे के बारे में पता चला तो वह लोग भी मांगने के लिए आने लगे। मसाले के पौधे की डिमांड देखकर नर्सरी की शुरुआत कर दी। अब महीने की कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपये आमदनी होती है। आगे इनकम बढ़ाने और की संभावना है।