मुजफ्फरनगर : जिला अस्पताल में हार्ट स्पेशलिस्ट की अनुपस्थिति ने दिल के मरीजों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं। 17 सितंबर 2024 को हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके जैन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के बाद से अस्पताल में कोई हार्ट स्पेशलिस्ट नियुक्त नहीं हुआ है ।
डॉ. बीके जैन के कार्यकाल के दौरान हर महीने औसतन दो हज़ार से अधिक दिल के मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते थे। अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच उनके रहते 11 हजार 835 मरीजों ने ओपीडी में परामर्श लिया। इस दौरान अप्रैल में 2158, मई में 2040, जून में 1857, जुलाई में 1866, अगस्त में 1917 और सितंबर में 1997 मरीजों का इलाज हुआ।
डॉ. जैन के रिटायरमेंट के बाद स्थिति बिगड़ गई है। पिछले तीन महीनों अक्टूबर से दिसंबर 2024 में केवल 2 हज़ार 376 मरीजों की ओपीडी हुई। इनमें अक्टूबर में 920, नवंबर में 701 और दिसंबर में 755 मरीज शामिल रहे। इन मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों जैसे मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज और ईवान हॉस्पिटल से विशेष अनुरोध पर बुलाए गए कॉर्डियोलॉजिस्ट द्वारा किया गया।
डॉक्टर की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए या तो निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर उन्हें समय पर सही उपचार नहीं मिल पा रहा। जिला अस्पताल में हार्ट स्पेशलिस्ट की नियुक्ति न होने से मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में हार्ट स्पेशलिस्ट की नियुक्ति की दरकार है। सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर की उपलब्धता से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि गरीब और जरूरतमंद लोग भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
सीएमओ डॉ सुनील तेवतिया का कहना है कि शासन की तरफ़ से अभी कोई कॉर्डियोलॉजिस्ट नियुक्त नहीं किया गया है। फ़िलहाल यहां एक लोकल व्यवस्था की है, जिसके लिए मुज़फ़्फ़रनगर मेडिकल कॉलेज से आग्रह किया गया है। मेडिकल प्रशासन हर सप्ताह सोमवार से बृहस्पतिवार तक कुल 4 दिन अपना कॉर्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध कराएगा। स्थाई कॉर्डियोलॉजिस्ट के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।