मुजफ्फरनगर। गन्ना किसानों की लंबित मांगों और गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित न होने से नाराज किसानों ने मुजफ्फरनगर में मंगलवार को जिला कचहरी का घेराव किया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में सैकड़ों किसान कचहरी परिसर में जुटे और अपनी आवाज बुलंद की। किसानों ने प्रशासन और सरकार से तुरंत गन्ने का भाव घोषित करने की मांग की।

किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। भाकियू के जिला अध्यक्ष ने कहा, “सरकार गन्ने का उचित मूल्य घोषित करने में देरी कर रही है, जबकि चीनी मिलें पहले ही पेराई शुरू कर चुकी हैं। किसानों को उनके हक का भुगतान समय पर नहीं हो रहा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है।”

किसानों ने कहा कि सरकार हर साल गन्ने का भाव घोषित करने में देरी करती है, जिससे वे असमंजस की स्थिति में रहते हैं। उन्होंने 450 प्रति क्विंटल का भाव तय करने की मांग की। चीनी मिलों द्वारा गन्ने के भुगतान में देरी को लेकर भी किसानों में भारी आक्रोश है। किसानों ने बिजली दरों में वृद्धि और डीजल के बढ़ते दामों पर भी विरोध जताया।

किसानों का कहना है कि गन्ना उनकी आय का मुख्य स्रोत है, लेकिन उत्पादन लागत में लगातार वृद्धि और गन्ने का उचित मूल्य तय न होने से उनकी स्थिति बदतर हो रही है।