मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर जिले के सदर तहसील के सादपुर गांव के हताश किसान प्रमोद को अंततः जिला प्रशासन का साथ मिल गया है। चकबंदी विभाग के अधिकारियों पर नाइंसाफी का आरोप लगाते हुए प्रमोद ने इच्छामृत्यु की मांग की थी।
जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्रा ने चकबंदी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले की गहन जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट में प्रमोद का पक्ष मजबूत पाया गया है, जिससे उसे न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। डीएम ने यह भी आश्वासन दिया कि किसान को हरसंभव मदद दी जाएगी।
डीएम के आश्वासन और जांच रिपोर्ट के बाद प्रमोद ने कहा, “अब मुझे न्याय मिलने की उम्मीद है। मैंने अपनी जमीन बचाने के लिए नौकरी छोड़ी और लंबी लड़ाई लड़ी। अब प्रशासन की मदद से मुझे नई जिंदगी मिली है।”
प्रमोद ने 2 जनवरी 2025 को बताया था कि उसकी 8 बीघा जमीन पर चकबंदी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जा परिवर्तन कराया गया था। उसकी सभी अपीलों को खारिज कर जबरन जमीन जोत दी गई। प्रमोद ने यह भी बताया कि यह वही जमीन है, जिसके लिए उसके पिता ने 13 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी थी, और इसी संघर्ष के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
डीएम उमेश कुमार मिश्रा ने चकबंदी विभाग के सभी अधिकारियों को बुलाकर मामले की समीक्षा की और पीड़ित किसान प्रमोद को आश्वस्त किया कि उसके साथ इंसाफ होगा। इसके अलावा, चकबंदी से जुड़े अन्य मामलों की शिकायतों को भी प्राथमिकता पर सुना गया और सभी मामलों में न्यायोचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।