मुजफ्फरनगर। बजट पर महिलाओं ने मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी है। उनका कहना है कि महिला उद्यमियों के लिए नई घोषणाओं से राहत मिलेगी, लेकिन गृहणियों और आम महिलाओं के लिए बजट में बहुत ज्यादा राहत नजर नहीं आती। पोषण 2.0 से राहत की उम्मीद जगी है लेकिन रसोई का ध्यान नहीं रखा गया। महंगाई पर लगाम नहीं कसी गई। एससी-एसटी वर्ग की पहली बार उद्यमी बनने वाली महिलाओं के लिए नई योजना शुरू की गई है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में महिला उद्यमियों को दो करोड़ रुपये तक का टर्म लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
गृहणी एवं साहित्यकार लक्ष्मी डबराल कहती हैं कि बजट में जिस तरह से अलग-अलग वर्गों को ध्यान में रखते हुए घोषणाएं की गई हैं। इससे निश्चित रूप से एक बड़ा तबका प्रभावित होगा। स्टार्टअप पर विशेष प्रावधान होने से कामकाजी महिलाएं खुद अपना कॅरियर बना सकेंगी।
निरुपमा गोयल कहती हैं कि बजट में सीधे रसोई के लिए कोई प्रावधान नहीं दिखता। सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए था। रसोई गैस की कीमतों में कमी लाई जानी चाहिए थी। हालांकि टैक्स स्लैब में बदलाव से महिलाओं को भी लाभ होगा।
संतोष कहती हैं कि बजट में स्मार्टफोन सस्ता होने की बात कही गई है। और भी बहुत चीजों के दाम काम करने की बात भी कही गई है, लेकिन महंगाई और पेट्रोल को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई। इससे थोड़ी निराशा हुई है।
भूराहेड़ी की ग्राम प्रधान रेनू देवी का कहना है कि वैसे तो बजट में गृहिणियों के लिए कोई खास नहीं है। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमतें कम होने से मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी।