मुजफ्फरनगर। गाजीपुर बॉर्डर से किसानों के लौटने का सिलसिला जारी है। किसान आंदोलन के दौरान आकर्षण का केंद्र बना शेरपुर के किसान का 60 साल पुराना ट्रैक्टर (डीटी-14 मॉडल) अब किसान भवन के संग्रहालय में दिखेगा। किसान ने भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत को ट्रैक्टर की चॉबी सौंप दी है। पुराने ट्रैक्टर की चाह रखने वालों ने इसकी बोली 15 लाख रुपये तक लगा दी थी, लेकिन किसान ने मना कर दिया।

गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान शेरपुर गांव के किसान राव गुलबहार अपना सबसे पुराना ट्रैक्टर लेकर पहुंचे थे। ट्रैक्टर 60 साल पुराना था, साथ ही सजवाया गया था। झांकियां आकर्षण का केंद्र बनीं। तब तक यह ट्रैक्टर गाजीपुर बॉर्डर पर खड़ा कर दिया गया था। देशभर से आने वाले किसानों ने इसे खरीदने की इच्छा जताई थी, लेकिन किसान ने मना कर दिया था।

आंदोलन खत्म होने के बाद अब किसान वापस लौटने शुरू हो गए हैं। सोमवार को किसान शाह आलम और राव गुलबहार का जत्था सिसौली पहुंचा। किसानों ने भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से मुलाकात की और ट्रैक्टर को संग्रहालय के लिए दे दिया। भाकियू अध्यक्ष को इसकी चॉबी सौंप दी गई। दिनभर सिसौली क्षेत्र के किसान पुराने ट्रैक्टर को देखने के लिए पहुंचते रहे।

किसान भवन में चल रहा संग्रहालय का निर्माण
किसान भवन में संग्रहालय का निर्माण चल रहा है। यहां बेशकीमती चीजें रखीं जाएंगी। इनमें स्वर्गीय भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से जुड़ी चीजों को रखा जाएगा। खेती में प्रयोग होने वाले पुराने संयंत्रों को भी एकत्र किया जा रहा है।

सब देखेंगे तो मिल जाएगी कीमत
किसान राव गुलबहार और शाहिद आलम ने कहा कि देश-दुनिया के किसान हमारे ट्रैक्टर को देखने पहुंचेंगे तो यही हमारे लिए बड़ी बात होगी। ट्रैक्टर किसानों की धरोहर होता है। लोगों ने तो 15 लाख रुपये तक कीमत लगाई, लेकिन शेरपुर के किसानों ने कहा कि इसकी सही जगह संग्रहालय ही है। ट्रैक्टर को सजाया गया है। कई जगह टिकैत परिवार के फोटो है। भारतीय किसान यूनियन लिखा यह ट्रैक्टर गाजीपुर बॉर्डर पर आकर्षण का केंद्र था।