मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने किसान भवन में आयोजित पंचायत में कहा कि आंदोलन के दौरान भले ही कुछ हो जाए लेकिन हम किसानों के साथ धोखा नहीं करेंगे। हमने एक दल के लोगों से गांव में आने से परहेज रखने के लिए कहा था। अब हम उसे वापस ले रहे हैं। सभी दल अपना आना जाना कर लो। जिसे जिस दल के लोगों को बुलाना हो वह उसे बुला लें। हमारी ओर से कोई पाबंदी नहीं है। पूरे भाषण देखने के लिए खबर में नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करें

किसान भवन स्थित मासिक पंचायत में उन्होंने कहा कि भाकियू देश का सबसे बड़ा किसान संगठन है। आपने काम किया, मेहनत की, अपने आप को कम न माने। उन्होंने आपस में झगड़े बंद करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि पंचायत में फ्री में फैसले होते हैं, सब को मान लेने चाहिएं। इसमें सबकी भलाई है। उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि सरकार जनरेटर को आधार बनाकर एक सौ रुपये प्रति घंटे की दर से बिजली का बिल करने का प्रस्ताव कर रही है। प्रचारित करेगी कि जेरनेटर से एक घंटे में नौ सौ रुपये का खर्च आता है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले किसान अनपढ़ था। अब वह जाग गया है। अध्यक्षता राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दरियाव सिंह व संचालन धर्मेद्र मलिक ने किया। पंचायत को प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन, धीरज लाटियान, जिला अध्यक्ष योगेश शर्मा, दिनेश खेड़ा हापुड, अनुज इलाहाबाद व मेनपाल बिजनौर ने भी संबोधित किया। चौधरी राकेश टिकैत ने सिसौली कार्यालय का प्रभारी चेयरमैन राजवीर को नियुक्त किया।

सिसौली में हुई भाकियू की मासिक पंचायत में चौ. राकेश टिकैत ने फसलों का दाम तय करने में ईमानदारी न बरते जाने का आरोप लगाया। उन्होंने राजीतिक दलों पर सवाल दागा। कहा कि सभी दल बताएं आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने घोषणा पत्रों में किसानों के लिए क्या रखा है। बताएं कि वे किसानों के लिए क्या करने वाले हैं।

पंचायत में शुक्रवार को हजारों किसानों की मौजूदगी में भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत के औजस्वी संबोधन पर किसान खुश नजर आए। राकेश टिकैत ने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। सभी सियासी दल किसानों के हितैशी होने का दावा करते हैं। चुनावी तैयारी शुरू हो गई, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि उनके घोषणा पत्र में किसानों के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है। सरकार में आने के बाद ऐसे राजनीतिक दलों का किसानों के प्रति क्या रवैया रहने वाला है।

चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि खेती को सोची समझी साजिश के तहत धीरे-धीरे घाटे का सौदा बनाया जा रहा है। जिससे किसान बर्बाद हो जाए, उसकी जमीन बिकना शुरू हो जाए। जिसे औने-पौने दामों में कार्पोरेट खरीद ले। उन्होंने कहा कि युवा किसान अब जाग चुका है। कहा कि किसान खेती में बेईमानी नहीं करता। लेकिन दिल्ली में किसानों की फसल का भाव तय करने वाली कलम बेईमान है।

मासिक पंचायत के दौरान किसानों के बीच अपने संबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि जिला पंचायत में क्षेत्रवार भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास पर सबका बराबर का हक है। राजनीति से आमतौर से दूर रहने वाले भोले-भाले किसानों की क्या गलती है। उनके क्षेत्र में अपेक्षित विकास जरूरी है। लेकिन इस मामले में भेदभाव किया जा रहा है। जिसका भाकियू कड़े शब्दों में विरोध करती है। इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन को चेताया कि इस मामले में सुधार करे। राकेश टिकैत ने थानों में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए इस पर अंकुश लगाने को कहा। चेतावनी दी कि अन्यथा कि स्थिति में आंदोलन होगा।

पंचायत में चौ. राकेश टिकैत का अंदाज नरम और गरम दोनों ही प्रकार का रहा। उन्होंने कहा कि वह देश में अलग-अलग राज्यों की सरकारों से वार्ता करेंगे। जिसमें किसान हित के मुद्दे सर्वोपरी रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को राहत दिलाने के लिए राज्य सरकारों को हालात से अवगत कराया जाएगा। नीचे क्लिक कर देखें पूरा वीडियो

चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि नशा किसी भी व्यक्ति की सेहत और उसके व्यवसाय दोनों के लिए नुकसानदेय है। उन्होंने कहा कि कुछ युवा गलत संगत में पड़कर नशे की लत पकड़ लेते हैं। जिससे उनका जीवन मुश्किल में पड़ जाता है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि नशा मुक्ति के लिए आंदोलन चलाएं। ताकि हमारा युवा इस बुरी लत से दूर रहे। उन्होंने कारपोरेट को टक्कर देने के लिए किसन उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया। अध्यक्षता भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने की। प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक, जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा आदि शामिल रहे।