मुजफ्फरनगर। मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में भाजपा भीड़ जुटाने में कामयाब रही। कृषि कानून के खिलाफ चले लंबे आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहुंचे थे। ठाकुर चौबीसी के गढ़ सलावा की जनसभा में जाटों की तादाद पर सियासी बहस छिड़ी है। गांव-गली से लेकर सोशल मीडिया पर जाट बाहुल्य क्षेत्रों की भागीदारी का आंकलन किया जा रहा है।

सलावा में खेल यूनिवर्सिटी की सौगात देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वापस लौट गए। विधानसभा के रण की तैयारी कर रहे राजनीतिक दल अब जनसभा में भीड़ और जातियों की संख्या का गुणाभाग कर रहे हैं। सरधना का सलावा क्षेत्र ठाकुर चौबीसी का गढ़ है। इसी क्षेत्र से मुजफ्फरनगर की खतौली और बुढ़ाना विधानसभा के ठाकुर बाहुल्य गांव जुड़े हैं। यहां से बड़ी संख्या में लोग जनसभा में पहुंचे।

भाजपा के अलावा विपक्ष की सपा, रालोद, बसपा, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की निगाह इस बात पर रही कि प्रधानमंत्री की रैली में जाटों की भागीदारी कितनी हुई। जनसभा के बाद इसी बात पर सियासी गलियों में चर्चा है कि जाटों की सलावा में कितनी हिस्सेदारी रही।

किसान आंदोलन ने पश्चिमी यूपी की सियासत का गणित भी बदला है। भले ही कृषि कानून वापस हो गए हो, लेकिन खुद भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत कह चुके हैं कि किसान अपना अपमान नहीं भूलेंगे। सियासत के जानकारों की निगाह इस बात पर भी रही कि भाकियू के गढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा को लेकर कितनी हलचल रही। कितनी बसें यहां से पहुंची और उनमें कितने लोग सवार थे।

सलावा की जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए टिकट के दावेदारों ने भी पूरी ताकत झोंक दी। मेरठ और सहारनपुर मंडल में टिकट मांग रहे भाजपा नेताओं को बसें ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। भाजपा नेता अपनी-अपनी भीड़ लेकर पहुंचे।

भाजपा नेतृत्व ने पिछले दिनों निकाली गई जनविश्वास यात्रा की रिपोर्ट मांगी है। किस विधानसभा में कितनी भीड़ रही और कौन-कौन दावेदार सक्रिय रहे। इसके गुणाभाग में भी भाजपा जुटी है।