किसान आंदोलन के बाद गृहमंत्री अमित शाह पहली बार मुजफ्फरनगर के दौरे पर पहुंचेंगे। उनके आने से पहले भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने सात सौ किसानों की मौत का मुद्दा उठाया है। ट्वीट पर कहा कि पिछले साल के इन दिनों को किसान कभी नहीं भूलेंगे। एमएसपी पर गारंटी कानून बनना चाहिए। शाह के दौरे पर विपक्ष के नेताओं की नजर टिकी है।
वहीं इससे पहले बिजनौर में नजीबाबाद के ढाकी साधो में अनिल चौधरी के आवास पर एक निजी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान संयुक्त मोर्चा से कृषि आंदोलन समझौते के दौरान किए गए वायदों को पूरा नहीं किया है।
आंदोलन के दौरान 750 किसान शहीद हुए, सरकार ने एमएसपी पर कानून बनाने, 14 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान करने, किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने सहित किसानों से किए गए किसी भी वायदे को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा का रथयात्रा, राम मंदिर, जिन्ना मॉडल पुराना हो चुका है, इस मुद्दे पर अब आग लगने वाली नहीं। आग पर पानी डालने की सीख लोगों को मिल चुकी है।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान किसी राजनीतिक दल के दबाव में नहीं हैं। किसानों और आम जनता को चुनाव में क्या करना है, किसान आंदोलन ने सब कुछ सिखा दिया है। अपनी मर्जी से मतदान के लिए सभी स्वतंत्र हैं।
राकेश टिकैत ने राजस्थान में सात लाख रुपये के बकायादार किसान की 10 एकड़ भूमि नीलाम करने पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जितना बकाया हो, सर्किल रेट के अनुसार उतनी ही जमीन नीलाम करने के कानून पर अमल करना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री सबका होता है। पद पर रहते पार्टी विशेष का चुनाव प्रचार का प्रचलन रोकना ही होगा।