मुजफ्फरनगर। सकौती फ्लाई ओवर पर रेलिंग टूटी होने और सड़क में गड्ढा होने के कारण कार पलटने से शहर के पूर्व सभासद विरेंद्र मुन्ना की मौत हो गई थी, उनके साथी पूर्व प्रमुख जिल्ले हैदर गंभीर घायल हो गए थे। इस मामले में विरेंद्र की पत्नी सभासद संगीता ने स्थाई लोक अदालत में याचिका की थी। न्यायालय ने सुनवाई के बाद टोल कंपनी पर 76 लाख 38 हजार का जुर्माना किया है।

जाट कालोनी की सभासद संगीता, उनके दोनो पुत्रों शिवम एवं शुभम बालियान और पुत्री प्रिया ने स्थायी लोक अदालत में याचिका दायर की थी कि टोल कंपनी के द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने पर 23 जुलाई 2018 की रात 11 बजे विरेंद्र कुमार मुन्ना की कार के फ्लाईओवर से नीचे गिरने से मौत हो गई, उनके साथी पूर्व प्रमुख जिल्ले हैदर गंभीर घायल हो गए थे। याचिकाकर्ता ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और मै वेस्टर्न यूपी टोलवे लिमिटेड को पार्टी बनाया। परिजनों ने एक करोड़ के मुआवजे की मांग की।

याचिका में कहा गया कि टोल देने के बाद भी सड़क पर मानकों का पालन नहीं हुआ। सकौती फ्लाईओवर की रेलिंग टूटी हुई थी, जिस कारण नीचे गिरी। सूचना के लिए कोई चिन्ह भी नहीं था। हादसे का मुकदमा दौराला थाने में दर्ज हुआ है। टोल कंपनी ने याचिका को असत्य और कल्पना के आधार पर बताया। यह भी कह दिया न्यायालय को यह मामला सुनने का अधिकार नहीं है। स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन जेके तिवारी और सदस्य डॉ अलका रानी ने हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि उन्हें यह मामला सुनने का अधिकार है।

इसके बाद लगातार मामले की सुनवाई के बाद नौ फरवरी को इस प्रकरण में आदेश हुआ। विरेंद्र मुन्ना के आयकर रिटर्न के आधार पर उनकी आय तय की गई। इसके बाद न्यायालय ने आदेश जारी किया कि विरेंद्र मुन्ना के परिजनों को टोल कंपनी 76 लाख 38 हजार का भुगतान करेगी। आदेश के दो माह के अंदर भुगतान करना होगा। आदेश के जितने दिन बाद भुगतान होगा उसका छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी याचिकाकर्ता को देना होगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता धर्मेंद्र सिंह बालियान ने यह जानकारी दी।