मुजफ्फरनगर। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में जिले में खूब हंगामा हुआ था। जांच में 350 आरोपियों के नाम सामने आए थे, इनमें तीन आरोपियों से करीब 12 लाख रुपये वसूले जाने थे। हालांकि पुलिस-प्रशासन अभी तक वसूली नहीं कर पाया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद आरोपियों से वसूली के नोटिस वापस लिए जाने की तैयारी है।

दिसंबर 2019 में शहर कोतवाली और सिविल लाइन क्षेत्र में हिंसा हुई थी। एसआईटी की जांच में 350 आरोपियों के नाम प्रकाश में आए थे। दो मुकदमों में 107 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। चार आरोपियों ने खुद ही कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। गिरफ्तार आरोपियों में बड़े नाम नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण में सख्ती दिखाई थी। जिले में एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित हुई थी। तीन आरोपियों से करीब 12 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति होनी थी।

दो थानों में 49 मुकदमे हुए थे शहर क्षेत्र में हुए बवाल के मामले में कुल 49 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें शहर कोतवाली में छह और सिविल लाइंस थाने में 43 मुकदमे दर्ज किए गए। इन सभी में 259 नामजद और छह हजार अज्ञात आरोपी बनाए गए। सभी मुकदमों की जांच एसआईटी गठित कर उसके सुपुर्द की गई, लेकिन एक साल बाद भी सभी की जांच लंबित हैं।