मुजफ्फरनगर. कोरोना वैक्सीन लगवाने से वंचित रहे 4814 चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियो के साथ ही फ्रंट लाइन कोरोना वर्करों को सोमवार 15 फरवरी को वैक्सीन लगवाने का अंतिम अवसर दिया गया पर उनमें वैक्सीनेशन को लेकर उत्साह नही दिखा। कुल 1477 स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर ही वैक्सीन लगवाने को पहुंचे। हालांकि 16 जनवरी को पहली डोज लगवाने वाले 320 लोगों में दूसरी डोज लगवाने को लेकर उत्साह रहा और 290 लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज का टीका लगवाया।
कोरोना के केस मिलने कम हो गए और पिछले तीन दिनों से कोई नया कोरोना संक्रमित केस नही मिलने से इसका डर भी अब कम हो गया है। यही कारण है कि पहले चरण के छह चक्रों में जिले में कोरोना वैक्सीन लगवाने से वंचित रहे स्वास्थ्यकर्मियों, चिकित्सकों व कोरोना फ्रंट लाइन वर्करों ने सोमवार 15 फरवरी को वैक्सीन लगवाने का आखिरी अवसर होने के बावजूद कोरोना का टीका लगवाने में अधिक रुचि नही दिखाई। जिले के बूथों पर कुल 4814 बचे हुए लाभार्थियों में से केवल 1477 ने ही वैक्सीन लगवाई। 69 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी व फ्रंट लाइन वर्कर बूथों पर नही पहुंचे। सोमवार 15 फरवरी को उन 320 लोगों को भी कोरोना की वैक्सीन की दूसरी डोज लगाए जाने की व्यवस्था की गई थी जिन्हें 16 जनवरी को पहली डोज लगाई गई थी। दूसरी डोज लगवाने वालों में उत्साह रहा। इनमें 320 में से 290 चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना डोज लगवाने को पहुंचे। इनकी बूथों पर 91 प्रतिशत की भागेदारी रहेगी। सीएमओ डा. प्रवीण कुमार चोपडा ने बताया कि 15 फरवरी के कोरोना वैक्सीनेशन सत्र में बघरा में 92, बुढ़ाना में 105, चरथावल में 136, जानसठ में 58, खतौली में 342, मोरना में 122, मखियाली सदर में 126, पुरकाजी में 87, शाहपुर में 116, नगरीय क्षेत्र के निजी और सरकारी अस्पतालों में कुल 293 को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। इसके अलावा पहले चरण में 16 जनवरी को वैक्सीन की पहली डोज लगवाने वाले 320 लोगों में से चरथावल में 82, जानसठ में 58, खतौली में 56 और मखियाली में 68 स्वास्थ्यकर्मियों ने दूसरी डोज लगवाई। इस तरह से अब 290 स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी डोज लगने से कोरोना का खतरा समाप्त हो गया है।