मुजफ्फरनगर। मीरापुर विधानसभा सीट पर सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी चंदन चौहान जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। भाजपा को यहां बाहरी प्रत्याशी उतारने का सीधा नुकसान हुआ है। इस क्षेत्र से चंदन के बाबा नारायण सिंह और पिता संजय चौहान दोनो ही विधायक रहे हैं।

गंगा खादर से जुड़ी मीरापुर विधानसभा सीट पर सपा-रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान ने जीत दर्ज कर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है। चंदन के बाबा पूर्व उप मुख्यमंत्री नारायण सिंह और पिता संजय चौहान इस क्षेत्र से विधायक रहे हैं। उस समय इस सीट का नाम मोरना था। भाजपा को यहां बाहरी प्रत्याशी का सीधा नुकसान हुआ है। भाजपा ने गाजियाबाद के प्रशांत गुर्जर को प्रत्याशी बनाया। 2017 में इस सीट से भाजपा के अवतार भड़ाना जीते थे, वह भी बाहरी थे। एक बार फिर बाहरी प्रत्याशी को उतारना भाजपा के लिए उल्टा पड़ गया। हालांकि इस सीट पर भाजपा को परंपरागत वोट मिला है। चंदन चौहान की जीत का आधार यह रहा, कि स्थानीय होने के कारण उन्होंने भाजपा के वोट बैंक में अच्छी सेंध मारी की। शुरू के दस राउंड तक भाजपा के प्रशांत गुर्जर और चंदन चौहान में बराबर का मुकाबला चला। इसके बाद चंदन चौहान ने बढ़त बनानी शुरू की और वह लगातार बढ़त बनाते चले गए। इस सीट पर अति पिछड़ों और सवर्ण मतदाताओं को सीधा झुकाव भाजपा के पक्ष में रहा। मुस्लिमों के साथ जाट और गुर्जर समाज का अधितकम वोट गठबंधन प्रत्याशी चंदन चौहान को मिला।

चंदन की छवि ने किया प्रभावित
मीरापुर सीट के प्रत्याशी चंदन चौहान ऐसे युवा है, जिन पर किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं है। उनकी साफ स्वच्छ बेदाग छवि, व्यवहार कुशलता ने क्षेत्र के लोगों को प्रभावित किया। पुराना राजनीतिक घराना होने का चंदन को लाभ भी मिला।