हत्या के मामले में फास्टट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश ने दो सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक पर 35 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले सहायक शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार उर्फ कमलकांत ने बताया कि शामली जनपद के गांव करमूखेडी में 11 साल पूर्व हत्या की वारदात हुई थी। अभियोजन के अनुसार 2 दिसंबर 2011 को बाबूराम निवासी करमूखेडी अपने मकान में मृत अवस्था में पड़ा मिला था।
उसके नाक व मुंह से खून बह रहा था। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया। उसके भतीजे सतीश कुमार निवासी शामली ने शराफत व सदाकत निवासीगण टपराना थाना झिंझाना के खिलाफ थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपी मृतक के पास किराए पर आकर रहने लगे थे और रंजिश में उसकी हत्या की गयी थी।
इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट नम्बर 3 के न्यायाधीश अनिल कुमार की कोर्ट में हुई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी कमल कुमार ने गवाहों के बयान कराए और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों को आरोपी बताते हुए कड़ी सजा की मांग की। अभियोजन की ओर से दिए गए तर्को के आधार और पत्रावली पर उपलब्ध गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर पीठासीन अपर सत्र न्यायाधीश अरिल कुमार ने दोनों अभियुक्तों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक अभियुक्त पर 35 हजार का जुर्माना भी किया है।