मास्को. यूक्रेन में जंग के बीच रूस ने अपने रॉकेट सोयुज-2.1ए को अंतरिक्ष में छोड़ा है। इस पर भी ‘जेड’ लिखा हुआ है। अंग्रेजी वर्णमाला का यह अक्षर रूस के लिए खास महत्व रखता है। यूक्रेन भेजे गए कई रूसी सैन्य वाहनों पर भी ‘Z’ लिखा हुआ है।

सोयुज-2.1ए को बुधवार को आर्कान्जेस्क ओब्लास्ट के मिर्नी में प्लेसेत्स्क कॉस्मोड्रोम से छोड़ा गया। जेड अक्षर यूक्रेन में रूसी कार्रवाई के समर्थन की पहचान बन चुका है। सबसे पहले यह जेड अक्षर यूक्रेन सीमा पर तैनात किए गए रूसी टैंकों व सैन्य ट्रकों पर लिखा देखा गया था।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी अपने इंस्टाग्राम पेज पर जेड और वी लिखकर पोस्टर जारी किया। हालांकि अधिकृत तौर इस अक्षर के उपयोग को लेकर कोई विवरण नहीं दिया गया है। लेकिन रूस में इसका इस्तेमाल इतना ज्यादा हो रहा है कि रूसी जिम्नास्ट इवान कुलियाक ने कुछ दिनों पूर्व दोहा में विश्व कप में अपने सीने पर ‘जेड’ लिखवा रखा था। हालांकि 20 वर्षीय रूसी एथलीट तीसरे स्थान पर रहा, लेकिन उसने यूक्रेन की प्रतिद्वंद्वी इलिया कोवतुन, जिसने स्वर्ण पदक जीता था, के बगल में पोडियम पर खड़े होकर जेड का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया।

रूसी समर्थक सोशल मीडिया से लेकर अपनी कारों और होर्डिग्स में जेड अक्षर का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने Z साइन की तुलना नाजी जर्मनी के स्वास्तिक जैसे चिंह से की है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि 1943 में कॉन्कैंप के पास साक्सेनहौसेन एक स्टेशन Z था जहां नरसंहार किया गया था।

रूसी वर्णमाला में नहीं है Z
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया। इसके बाद से पुतिन के समर्थकों ने जेड साइन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जबकि रूसी वर्णमाला में ऐसा कोई अक्षर नहीं है। लेकिन रूस में इसे युद्ध में जीत और यूक्रेन में लड़ रही अपनी सेना के साथ एकजुटता दिखाने के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।