मुजफ्फरनगर। सोमवार की देर रात जिला अस्पताल में हंगामा, तोड़फोड़ और मारपीट हुई। ठज्ञन् कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया तो मंगलवार सुबह किसान नेता राकेश टिकैत शहर कोतवाली में धरने पर बैठ गए। टिकैत का कहना है कि पुलिस ने गलत तरीके से कार्रवाई की है। बता दें कि रात में शहर के प्रकाश चौक स्थित एक होटल में तितावी के दो लोगों और होटल मालिक के बेटों के बीच मारपीट हुई। पुलिस दोनों पक्षों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल ले गई तो दोनों पक्षों ने वहां भी मारपीट की।

पुलिस ने अस्पताल में तोड़फोड़ और मारपीट के मामले में भाकियू कार्यकर्ताओं सहित 10 लोगों को जेल भेजा है। इनमें सात आरोपी शहर कोतवाली पुलिस और तीन आरोपियों की गिरफ्तारी थाना सिविल लाइन पुलिस ने की है। शाम को प्रशासन से वार्ता के बाद राकेश टिकैत ने धरना खत्म कर दिया। इस मामले में प्रशासन से बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई गई है।

भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत आज सुबह कोतवाली पहुंचकर धरने पर बैठ गए। वे ग्रामीणों और भाकियू कार्यकर्ताओं को छोड़ने की मांग कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा और नगर अध्यक्ष गुलबहार राव समेत संगठन के पदाधिकारी भी कोतवाली पहुंच गए और थाने का घेराव करते हुए हंगामा किया।

भाकियू कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद उन्हें छुड़ाने की मांग करते हुए शहर कोतवाली में धरने पर बैठे राकेश टिकैत को मनाने के लिए पुलिस ने अलग ही रणनीति अपनाई। पुलिस प्रशासन ने कोतवाली प्रभारी निरीक्षक खतौली संजीव कुमार शाहपुर थाना प्रभारी निरीक्षक अभिषेक सिरोही को टिकैत को मनाने के लिए भेजा था। उन्होंने धरना समाप्त करने के लिए निवेदन किया, लेकिन राकेश टिकैत ने उनकी बात को मानने से इनकार कर दिया।

राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। पुलिस प्रशासन लगातार यूनियन के साथ उलझना चाह रहा है। यूनियन के कार्यकर्ता शांतिपूर्वक अपना काम कर रहे हैं, लेकिन किसी भी मामले में यूनियन के कार्यकर्ताओं का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे ही मामले में पीड़ित का साथ देने खड़े होने पर यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मुजरिम बनाने पर पुलिस तुली है। ऐसा रवैया हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि यूनियन के ब्लॉक बघरा अध्यक्ष अमरजीत सिंह के परिचित रात में अस्पताल पहुंचे थे, इमरजेंसी में उपचार नहीं मिलने पर अमरजीत को बुला लिया गया। अमरजीत ने मौके पर आकर पीड़ितों के लिए सिफारिश की, इतने कसूर पर उसको मुजरिम बनाया गया है। पुलिस ने पूरी रात यूनियन के कार्यकर्ताओं को लॉकअप में रखा और मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।


उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन का यह रवैया गलत है। शहर कोतवाली आनंद देव मिश्रा का कहना है कि बीती देर रात यूनियन के कुछ लोगों ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में घुसकर चिकित्सा कर्मियों के साथ अभद्रता की और तोड़फोड़ का प्रयास भी किया। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों के साथ भी बदतमीजी की गई। कुछ लोगों को रात में ही हिरासत में लिया गया है। इसके लिए जिला अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से पुलिस को शिकायत मिली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है। दोपहर बाद किसानों ओर प्रशासन के बीच सहमति बन गई, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया।