बागपत। उत्पीड़न से आहत होकर दो दुकानदारों ने ही बागपत में साहूकार बाबू कुरैशी की डाटा केबिल से गला घोंटकर हत्या की थी। कर्ज चुकाने के बाद भी साहूकार उधार दिए रुपये का दुकानदारों पर दबाव बना रहे थे। पुलिस ने गुरुवार को आरोपित दोनों दुकानदारों को गिरफ्तार कर केस का राजफाश किया। दोघट थाना प्रभारी कौशलेंद्र सिंह ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी।
ग्राम पलड़ा के जंगल में गत 29 मार्च की सुबह 65 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। बाद में शव की शिनाख्त बाबू कुरैशी निवासी मोहल्ला खैर, कस्बा कांधला (शामली) के रूप में हुई थी। दोघट थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले की जांच की तो अहम सबूत सामने आए। दोघट थाना प्रभारी कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में किराना की दुकान के स्वामी जिकरू और हेयर सैलून संचालक शकील निवासीगण कस्बा कांधला को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ करने पर आरोपितों ने बाबू कुरैशी की हत्या करना स्वीकार किया है।
थाना प्रभारी के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि बगैर लाइसेंस के बाबू कुरैशी ब्याज पर लोगों के रुपये देते थे। जिनसे अधिक ब्याज वसूलते थे। बाबू कुरैशी से कई माह पूर्व जिकरू ने 30 हजार रुपये और शकील ने 10 हजार रुपये उधार लिए थे। जिकरू ने 42 हजार रुपये और शकील ने 18 हजार रुपये लौटा दिए थे। उसके बावजूद बाबू कुरैशी अपने रुपये का दुकानदारों पर तगादा कर रहे थे। 27 मार्च को रुपये का दबाव बनाया तथा दुर्व्यवहार किया।
इससे आहत होकर दोनों दुकानदारों ने बाबू कुरैशी की हत्या करने का प्लान तैयार किया। उसी के अनुसार बाबू कुरैशी को मेरठ से रुपये दिलाने के बहाने अपने साथ कार से 28 मार्च को कस्बा से लेकर गए। इधर-उधर घूमने के बाद ग्राम पलड़ा के जंगल में पहुंचे, वहां पर दोनों आरोपितों ने डाटा केबिल से बाबू कुरैशी की गला घोंटकर हत्या की तथा शव को छोड़कर कार से वापिस कांधला चले गए थे। आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त डाटा केबिल बरामद किया गया है।