मुजफ्फरनगर। टिपर वाहन के प्रकरण में शहर कोतवाली में कंपनी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में भी पुलिस ने अब कार्यवाही तेज कर दी है। इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमे में पुलिस ने पालिका कार्यालय पहुंचकर अफसरों के बयान लिए। शिकायकर्ता सभासद राजीव शर्मा और मनोज वर्मा से साक्ष्य मांगे।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अतुल कुमार ने नौ अगस्त 2021 को शहर कोतवाली में पालिका को टिपर वाहन आपूर्ति करने वाली कंपनी मैसर्स गोल्डन ट्राइएंगल सर्विसेज और प्रोपराइटर अमरीश कुमार के खिलाफ पालिका प्रशासन के साथ धोखाधड़ी करने की शिकायत करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की विवेचना इंस्पेक्टर संजय कुमार द्वारा की जा रही है।
विवेचना अधिकारी इंस्पेक्टर संजय कुमार ने पालिका कार्यालय पहुंचकर ईओ हेमराज सिंह से मुलाकात की और दर्ज मुकदमे को लेकर उनके बातचीत की। इसके साथ ही अन्य जानकारी भी उनसे मांगते हुए जांच रिपोर्ट की कॉपी भी देने को कहा, जिसमें कंपनी को फर्जीवाडा करने का दोषी ठहराया गया है। पालिका कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर चुकी है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अतुल कुमार ने जांच अधिकारी को बताया कि उनके द्वारा दर्ज मुकदमे में 1.58 करोड़ रुपये का पालिका से अग्रिम भुगतान पाने के बावजूद भी कंपनी द्वारा 11 टिपर देने के साथ ही फर्जी दस्तावेज के आधार पर टेंडर लेने और अन्य अनियमितता करने के आरोप लगाये गये है।
टिपर वाहन खरीद मामले में शासन, प्रशासन और एसएसपी से शिकायत करने वाले भाजपा सभासद राजीव शर्मा और सभासद मनोज वर्मा अपने बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस कार्यालय पहुंचे। उन्होंने एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय से मुलाकात करते हुए घोटाले के संबंध में शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में कार्यवाही नहीं होने की बात भी कही। राजीव शर्मा ने कहा कि आठ माह पूर्व मुकदमा दर्ज कराया गया था, इसमें पुलिस ने बेहद लापरवाही से काम किया और अभी तक मुल्जिम कंपनी व प्रोपराइटर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है।
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत स्वच्छ भारत मिशन के लिपिक के लापता होने के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में स्थलीय निरीक्षण का कार्य सुगमता के साथ नहीं हो पाने के कारण पालिका की खराब छवि बनी है। लिपिक के दो दिन इंतजार के बाद केंद्रीय टीम स्थलीय निरीक्षण की खानापूर्ति कर वापस लौट गयी है। इसी लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए ईओ ने लिपिक आकाशदीप के वेतन पर रोक लगाने के साथ ही उनको नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ लिपिक को विभागीय और विधिक कार्यवाही की चेतावनी भी दी गयी है। लिपिक ने ईओ से मुलाकात की और खुद को अवकाश पर बताया है। लिपिक आकाशदीप ने पालिका से छह से आठ अप्रैल तक अवकाश लिया है, उसका कहना है कि उसके एक रिश्तेदार की मौत हो गई, जहां उसका जाना जरूरी है। उन्होंने पालिका के ग्रु्प पर अवकाश प्रार्थना पत्र दिया, जिसको पालिकाध्यक्ष ने मंजूर कर लिया है। जबकि ईओ ने पांच अप्रैल से ड्यूटी से नदारद रहने पर उनको नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।