नई दिल्ली. लगातार महंगे होते जा रहे इलाज के खर्च से बचने के लिए आज के समय में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आवश्यक है. आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते समय इस बात का खयाल रखना चाहिए कि उसमें आपकी सभी चिकित्सा खर्च की जरूरतें पूरी हो रही हों. वैसे, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के दस्तावेज को समझना मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें शर्तें काफी जटिल होती हैं.

कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कवर नहीं करती हैं. इन बातों को ध्यान में नहीं रखने से आपको ऐसे चिकित्सा बिलों का भुगतान करना पड़ सकता है. बीमा कंपनी आपके उन क्लेम को खारिज कर सकती है, जिन बीमारियों की विशिष्ट सूची को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर रखा गया है. यहां क्लेम खारिज होने वाली उन 5 चिकित्सकीय सुविधाओं का जिक्र करते हैं.

कॉस्मेटिक सर्जरी
आमतौर पर बीमा कंपनियों की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कॉस्मेटिक सर्जरी को कवर नहीं किया जाता है. मसलन, आपके चेहरे, माथे, आंखों के नीचे पड़ी गाढ़ी लकीरें और झुर्रियों को खत्म करने के लिए प्रचलित कॉस्मेटिक उपाय बोटॉक्स हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल नहीं होती. इसी प्रकार शरीर के भिन्न हिस्सों से अत्यधिक फैट को निकालने के लिए होने वाली सर्जरी लिपोसक्शन इस लिस्ट में शामिल नहीं है. इम्प्लांट्स और इसी तरह की सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं को भी क्लेम के दायरे से बाहर रखा गया है.

बांझपन या गर्भावस्था
बांझपन या गर्भावस्था से जुड़ी अन्य जटिलताओं जैसे गर्भपात आदि की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने वाले खर्चों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के कवरेज से बाहर रखा गया है. हालांकि, कुछ मैटरनिटी हेल्थ प्लान ऐसे खर्चों को कवर करने की पेशकश कर सकते हैं, लेकिन उनमें प्रतीक्षा अवधि की शर्त हो सकती है.

पहले से मौजूद बीमारियां
पहले से मौजूद बीमारियों के कारण आपका क्लेम खारिज हो सकता है. इंश्योरेंस सेक्टर के विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले किसी बीमारी से पीड़ित रहे हैं, उन्हें बीमारी के लिए कवरेज नहीं मिल सकता है. हालांकि, यह शर्त और संबंधित प्रतीक्षा अवधि विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों में अलग-अलग होती है.

देखने-सुनने से संबंधित बीमारी
सुनने और देखने से संबंधित बीमारी दो तरह से हो सकती है. यह या तो पहले से हो सकती है अथवा किसी दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है. पहले मामले में, इसे कवर नहीं किया जाता. दूसरे मामले में यदि उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, तो कवरेज नहीं मिलता है.

डेंटल कवरेज
आमतौर पर दांतों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है, इसीलिए इसे कवर नहीं किया जाता है. हालांकि, अगर किसी एक्‍सीडेंटल केस में चोट के कारण दंत चिकित्सा का खर्च आता है, तो इंश्योरेंस पॉलिसी में ​​उन खर्चों को कवर किया जाता है.